जबलपुर स्थित ऑफ हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश की डिवीजन बेंच द्वारा दिनांक 7/7/22 को पारित अंतरिम आदेश के प्रवर्तन के दौरान, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्राईबल वेलफेयर डिपार्मेंट मे कुल 25 हजार से अधिक नियुक्तियों मे से लगभग 15 हजार से अधिक बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप मे नियुक्तियां दी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन सभी की जॉब कंटिन्यू रहेगी या सेवा समाप्त कर दी जाएगी, इसको लेकर हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी गई है। याचिका क्रमांक WP/13768/2022, WP /595/2023,WP /WP /21800/2023 तथा WP /22218/2023 क़ी एक साथ सुनवाई क़ी गई।
बच्चों को पढ़ाने का तरीका BEd डिग्री कोर्स में नहीं सिखाया जाता
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11/8/23 को फैसला पारित करके स्पष्ट कर दिया गया हैं कि बीएड डिग्री धारी उम्मीदवार, प्राथमिक शिक्षकों के रूप मे अयोग्य हैं और यदि इन्हे नियुक्त किया जाता हैं तो संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत प्रदत्त शिक्षा के अधिकार सहित, राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का उल्लंघन हैं एवं कक्षा 1 से कक्षा 5 तक अध्ययन करने वाले 6 से 14 साल क़ी आयु के विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन है। क्योंकि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चों को पढ़ाने का तरीका BEd डिग्री कोर्स में नहीं सिखाया जाता।
BEd वाले सुप्रीम कोर्ट सहित 8 राज्यों की हाईकोर्ट से अ-संवैधानिक घोषित
एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11.8.2023 मे स्पष्ट किया है ताकि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चों को अध्यापन कार्य हेतु सिर्फ DLEd (एलिमेंट्री कोर्स) धारको को ही विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए NCTE द्वारा प्राथमिक शिक्षको के पद के लिए DLEd (एलिमेंट्री कोर्स) तथा BEd डिग्री धारियो को भी निर्धारित योग्यता वाले परिपत्र 26/6/2018 को सर्व प्रथम राजस्थान हाईकोर्ट तथा दिनांक 11/8/2023 को सुप्रीम कोर्ट तत्पश्चात बिहार हाईकोर्ट, छतीसगढ़ हाईकोर्ट, उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट सहित देश की आठ हाईकोर्ट असंवैधानिक घोषित कर चुकी है। तत्पश्चात मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अन्तरिम आदेश दिनांक 07/7/2022 के वाबजूद भी मध्य प्रदेश सरकार ने आदेशो को दरकिनार करके प्राथमिक शिक्षको की नियम विरूद्ध भर्तिया कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11/8/2023 मे स्पष्ट कर दिया गया है कि NCTE के परिपत्र दिनांक 28/6/2018 के अनुरूप किसी भी राज्य मे प्राथमिक शिक्षकों क़ी जो भी नियुक्तियां क़ी गई हैं वो सभी असंवैधानिक हैं।
जवाब के लिए मध्य प्रदेश शासन का अंतिम अवसर
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ने बताया कि, आज 02/11/2023 को उक्त समस्त याचिकाओ की सुनवाई जस्टिस शील नागू तथा नवनियुक्त जस्टिस दुप्पला वेंकट रम्मना की खंडपीठ द्वारा की गई, आज की सुनवाई मे खंडपीठ द्वारा शासन के सुसुप्त रवैये को जमकर आड़े हाथो लिया गया तथा स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि आगामी सुनवाई के पूर्व याचिका मे उठाए गए बिन्दुओ सहित चाही गई जानकारी का लिखित जबाब दाखिल नही किया तो शासन की ओर से नियुक्त ओआईसी या ज़िम्मेवार के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। याचिकाकर्ताओ क़ी ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विज्ञान शाह, विनायक प्रसाद शाह, रामभजन लोधी ने क़ी।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।