मध्य प्रदेश के गांव में नदी पर पुल नहीं होने के कारण गांव वाले सालों से परेशान थे। इस बार उन्होंने नदी के पानी में खड़े होकर ऐलान किया कि यदि पुल नहीं तो वोट भी नहीं। उनको मतदान के लिए समझाने गई जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रुति चौधरी की गाड़ी इस नदी में फंस गई जिस पर ग्रामीण पुल बनाने की मांग कर रहे हैं।
MP NEWS - महिला अधिकारी की सरकारी गाड़ी नदी की रेत में फंस गई
सिवनी मालवा के पत्रकार श्री विजय सिंह ठाकुर की एक रिपोर्ट के अनुसार, विधानसभा मुख्यालय से 45 किमी दूर माेरन नदी के दूसरी ओर बसे बैंठ गांव के लाेग वर्षाें से पुल की मांग कर रहे हैं। 10 दिन पहले ग्रामीणाें ने नदी में खड़े हाेकर पुल नहीं ताे वाेट नहीं के नारे लगाकर प्रदर्शन किया था। बुधवार शाम जनपद सीईओ श्रुति चौधरी ग्रामीणों को समझाने बैंठ पहुंची। गांव से डेढ़ किमी पहले ही नदी के घाट पर उनकी सरकारी गाड़ी नदी की रेत में फंस गई। काफी देर बार ग्रामीणों ने ट्रैक्टर से खींचकर गाड़ी निकाली।
डेढ़ घंटे तक सीईओ ग्रामीणों के बीच रहीं। सीईओ श्रुति चौधरी का कहना है, 2 वर्ष पहले ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने एस्टीमेट बनाकर शासन को प्रेषित किया था। आचार संहिता समाप्त होने के बाद हम प्राथमिकता के आधार पर पुल निर्माण की कार्यवाही करेंगे। गौरतलब है कि यहां पुल न होने से लगातार 6 महीने तक बच्चे पढ़ाई करने के लिए गांव से बाहर नहीं जा पाते और ना ही जननी एक्सप्रेस पहुंच पाती है।
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