मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू मच्छरों का आतंक गंभीर स्थति तक पहुंच गया है। बुखार का हर दसवां मरीज डेंगू पीड़ित निकल रहा है। सरकारी आंकड़े चिंता को बढ़ाने वाले हैं और एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों को दबाने में जुट गया है।
भोपाल की डेंगू पाजीटिविटी रेट बढ़कर 10 प्रतिशत
भोपाल में गंभीर रूप से बीमार डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 738 हो गई है। डेंगू पाजीटिविटी रेट बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है। वहीं सर्वे में हर सौ में से पांच फीसदी घरों में लार्वा मिल रहा है। रविवार को 98 सैंपल जांचे गए, इनमें से 9 की रिपोर्ट डेंगू पाजीटिव आई है। यह सिर्फ सरकारी आंकड़ा है। प्राइवेट लैब और अस्पतालों की संख्या जिला प्रशासन द्वारा मांगी ही नहीं जा रही है।
भोपाल की सरकारी जमीनों पर पनप रहे हैं डेंगू मच्छर
जनवरी से अब तक 10000 से ज्यादा लोगों की डेंगू एलाइजा जांच की गई है, इनमें से 709 की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। यह आंकड़ा सिर्फ एलाइजा टेस्ट पाजीटिव लोगों के आधार पर दर्ज किया गया। रेपिड टेस्ट शामिल नहीं है। मलेरिया कार्यालय के अनुसार शुक्रवार को 2 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया, इसमें 99 घर ऐसे हैं, जहां डेंगू लार्वा मिला। माना जा रहा है कि भोपाल में बढ़ते प्रदूषण के कारण डेंगू वाले मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मलेरिया विभाग केवल घरों का सर्वे करने में लगा है।
भोपाल में डेंगू के साथ साथ चिकनगुनिया भी
डेंगू के साथ साथ चिकनगुनिया भी फैल रहा है। जानकारी के अनुसार, इस बार चिकनगुनिया ने बीते तीन वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक, अब तक भोपाल में चिकनगुनिया के 120 मरीज मिल चुके हैं, जबकि 1363 लोगों की जांच की गई।
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