एमपीपीएससी की परीक्षा टॉप करने के बाद सुर्खियों में आई बालाघाट की बेटी निशा बांगरे ने जब संविधान हाथ में लेकर शादी की तो राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी प्रशंसा की गई थी, लेकिन 4 महीने पहले अचानक उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थी परंतु कमलनाथ ने टिकट ही नहीं दिया। पूरी तरह से बेरोजगार हो गई थी शायद इसलिए अब निशा बांगरे अपने यूट्यूब चैनल पर एक्टिव हो गई है। इनफ्लुएंसर बनना चाहती हैं। पहले वीडियो पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला के बारे में डाला है।
इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए 4 महीने संघर्ष किया
मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी निशा बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए क्या कुछ नहीं किया। इस्तीफा देने के बाद 4 महीने तक इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए संघर्ष किया। 350 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय यात्रा निकाली। जनता से समर्थन मांगा। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से न्याय मांगा। बड़ी मुश्किल से इस्तीफा मंजूर हुआ, लेकिन संघर्ष खत्म नहीं हुआ।
कमलनाथ ने ना टिकट दिया ना स्टार प्रचारक बनाया
टिकट के लिए कभी बैतूल से भोपाल तो कभी छिंदवाड़ा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की परिक्रमा करनी पड़ी। फिर भी टिकट नहीं मिला। छिंदवाड़ा की सभा में कमलनाथ ने कहा था कि हम निशा बांगरे का पूरे प्रदेश में उपयोग करेंगे। उम्मीद थी कि निशा बांगरे को स्टार प्रचारक बनाया जाएगा परंतु पार्टी ने उन्हें सांत्वना स्वरूप महामंत्री पद का नियुक्ति पत्र थमा दिया।
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