जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 02.11.23 को मध्य प्रदेश शासन को जबाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया था तथा जबाब दाखिल नही किए जाने पर ओआईसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का भी आदेश दिया था लेकिन आज प्रकरणों की सुनवाई के समय शासन की ओर से हाईकोर्ट मे एक आवेदन दाखिल करके व्यक्त किया गया कि निर्वाचन ड्यूटि तथा आचार साहिता के चलते जबाब दाखिल नही किया जा सका है। इसलिए एक आखिरी मौका दे दिया जाए। तब हाईकोर्ट ने उक्त आवेदन को स्वीकार करते हुए आखिरी मौका दिया है तथा प्रकरणों की अंतिम सुनवाई दिनांक 05/12/2023 नियत की गई है।
15 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर विवाद
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बैच द्वारा दिनांक 7/7/22 को पारित अंतरिम आदेश के प्रवर्तन के दौरान, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्रायबल बेलफेयर डिपार्टमेंट मे कुल 25 हजार से अधिक नियुक्तियों मे से लगभग 15 हजार से अधिक बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप मे नियुक्तियां दी गई हैं जबकि प्राथमिक शिक्षकों क़ी भर्ती मे बीएड डिग्री धारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11/8/23 को फैसला पारित करके स्पष्ट कर दिया गया हैं कि बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षकों के रूप मे अयोग्य हैं और यदि इन्हे नियुक्त किया जाता हैं तो संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत प्रदत्त शिक्षा के अधिकार सहित, राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का उल्लंघ्न हैं एवं कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पढ़ने वाले 6 से 14 साल क़ी आयु के छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
क्योंकि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चो को अध्यापन कार्य कराने हेतु बीएड डिग्रीधारी योग्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11.8.2023 मे स्पष्ट किया है कि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चो को अध्यापन कार्य सिर्फ DLED (एलिमेंट्री कोर्स) धारको को ही विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए NCTE द्वारा प्राथमिक शिक्षको के पद के लिए DLED (एलिमेंट्री कोर्स) तथा बीएड डिग्री धारियो को भी निर्धारित योग्यता वाले परिपत्र 26/6/2018 को सर्व प्रथम राजस्थान हाईकोर्ट तथा दिनांक 11/8/2023 को सुप्रीम कोर्ट तत्पश्चात विहार हाईकोर्ट, छतीसगढ़ हाईकोर्ट, उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट सहित देश की आठ हाईकोर्ट असंवैधानिक घोषित कर चुकी है। तत्समय मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अन्तरिम आदेश दिनांक 07/7/2022 के वाबजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने आदेशो को दरकिनार करके प्राथमिक शिक्षको की नियम विरूद्ध 25 हजार से अधिक भर्तिया कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11/8/2023 मे स्पष्ट कर दिया गया है की NCTE के परिपत्र दिनांक 28/6/2018 के अनुरूप किसी भी राज्य मे प्राथमिक शिक्षकों क़ी जो भी नियुक्तियां क़ी गई हैं वो सभी असंवैधानिक हैं।
आज 21/11/2023 को उक्त समस्त याचिकाओं की सुनवाई जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ द्वारा की गई, आज की सुनवाई मे खंडपीठ द्वारा शासन के सुसुप्त रवैये को जमकर आड़े हाथो लिया गया तथा स्पष्ट निर्देश दिए गए है। इस सप्ताह आवश्यक रूप से जबाब दाखिल किया जाए तथा प्रकरणो की आगामी सुनवाई दिनांक 05.12.2023 को नियत की गई है। याचिकाकर्ताओ क़ी ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विज्ञान शाह, विनायक प्रसाद शाह, ने क़ी।
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