MP NEWS - आईएएस-आईपीएस ऑफीसर्स भी कह रहे हैं बालाघाट में कलेक्टर दोषी

Bhopal Samachar
वेटरनरी डॉक्टर से कलेक्टर बने, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की योग्यता और कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आईएएस एवं आईपीएस ऑफीसर्स भी कह रहे हैं कि बालाघाट में जो कुछ भी हुआ वह उचित नहीं था और यह पूरा घटनाक्रम कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की नेतृत्व क्षमता पर प्रश्न उपस्थित करता है। 

स्ट्रांग रूम इस प्रकार से नहीं खोला जा सकता: विजय शंकर रिटायर्ड आईपीएस

कविताएं लिखने की शौकीन डॉ गिरीश कुमार मिश्रा आईएएस ने अपने एक बयान में कहा था कि स्ट्रांग रूम में क्या कुछ हुआ उन्हें नहीं मालूम। उनकी जानकारी के बिना पूरा घटनाक्रम घटित हुआ है। इसके बाद कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड अधिकारी श्री विजय शंकर सिंह का कहना है कि, स्ट्रॉन्ग रूम बिना रिटर्निंग ऑफिसर और वहां मौजूद पुलिस बल के अफसर की उपस्थिति के खोला ही नहीं जा सकता है। कैंडिडेट को भी सूचित किया जाता है। डीएम को तो बताया ही जाता है। अब नियम बदल गए हों तो नहीं कह सकता। 

सीधी भर्ती के IAS अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह

ग्वालियर मूल के पत्रकार डॉ राकेश पाठक की पत्नी एवं मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रमोशन प्राप्त करके भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुई श्रीमती शैलबाला मार्टिन की प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा चर्चा में है क्योंकि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया के दौरान "सीधी भर्ती के IAS अधिकारी" का उपयोग कर लिया है। प्रतिष्ठित पत्रकार श्री अनुराग द्वारे की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीमती सेल वाला मार्टिन ने लिखा कि,  आपकी सारी बातों से सहमत, लेकिन ये छटनी डाक मतपत्रों को स्ट्रॉन्ग रूम में रखने के पहले की जाती है। और स्ट्रॉन्ग रूम खुलने की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में ना होना गंभीर विषय है जो सीधी भर्ती के IAS अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। 


कलेक्टर ने कोई गलती नहीं की - राज्य निर्वाचन पदाधिकारी 

इससे पहले मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन सीधी भर्ती आईएएस ने पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि, चुनाव आयोग दिल्ली ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी थी जो भेज दी गई है। बालाघाट में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। केवल कर्मचारियों के मत पत्रों को व्यवस्थित करने का काम गलत तरीके से और गलत तारीख पर किया गया है। यह गलती नोडल अधिकारी की है जिसे सस्पेंड कर दिया गया है। श्री राजन के इस बयान के बाद बालाघाट के एसडीएम को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 

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