मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने कर्मचारियों को अलग अलग 58,60,62,65 वर्ष की उम्र में रिटायर किये जाने को भेदभाव पूर्ण कार्यवाही बताया है।
कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर अनुकंपा नियुक्ति तक सारे नियम सामान
मध्य प्रदेश शासन के कुछ विभागों में कर्मचारियों को 65 वर्ष की उम्र में रिटायर किया जाता है, वहीं कुछ विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों को 58,60,62 वर्ष की आयु में ही रिटायर कर दिया जाता है। जबकि सभी कर्मचारियों की नियुक्ति नियानुसार होती है। सभी कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते, आवास भत्ते, शहरीभत्ते एवं सभी अन्य लाभ एक समान दिये जाते है। रिटायरमेंट पर पेंशन, उपादान, अवकाश नगदीकरण यहां तक की कर्मचारी के निधन पर अनुकंपा नियुक्ति भी एक समान नियमों के अनुसार दी जाती है, फिर अलग-अलग उम्र में रिटायर कर कर्मचारियों के साथ पक्षपात क्यों किया जा रहा है।
सिर्फ सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में असमानता क्यों
अलग अलग उम्र में रिटायर करने से अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी असंतोष पनप रहा है। सभी विभागों के अधिकारियो और कर्मचारियों को एक समान 65 वर्ष की उम्र में रिटायर करना चाहिए, इससे शासन को रिटायरमेंट में लाखों रुपए का पेंशन, उपादान, अवकास नगदीकरण और जमा जी पी एफ, फंड का पैसा भी तीन वर्ष पश्चात देना पड़ेगा, अनुभवी अधिकारियों, कर्मचारियों से विकास की योजनाओं में भी लाभ मिलेगा।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, ब्रजेश मिश्रा, देव दोनेरिया,विश्वदीप पटेरिया, सन्तोष मिश्रा,प्रसांत सोंधिया,नरेश शुक्ला, रविकांत दहायत, योगेस चौघरी, अजय दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, धीरेंद्र सिंह ,मुकेश मरकाम,आसुतोष तिवारी, इंद्रप्रताप यादव, मुकेश मिश्रा, संदीप नेमा, नरेंद्र सेन, रजनीश पांडेय, विनय नामदेव, सतीशउपाध्याय ,पी एल गौतम,रवि बांगड़ ने सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक समान 65 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के पश्चात ही रिटायर करने की माँग की है।
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