MP WEATHER FORECAST - मध्य प्रदेश के 14 जिलों में ओलावृष्टि और 18 जिलों में आंधी बारिश होगी

Bhopal Samachar
दक्षिण अंडमान सागर से उठे बदल मध्य प्रदेश के आसमान पर छा गए हैं। कई जिलों में बारिश शुरू हो चुकी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने मध्य प्रदेश के 14 जिलों में ओलावृष्टि और 18 जिलों में आंधी बारिश का अलर्ट जारी किया है। किसानों के लिए एडवाइजरी रिजल्ट की गई है। 

मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान - 14 जिलों में ओलावृष्टि की संभावना, ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन और देवास में भारी वर्षा के साथ ओलावृष्टि की संभावना है। इन जिलों में कुछ स्थानों पर 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चल सकती है। आंधी के साथ बारिश की संभावना है। उपरोक्त के अलावा बुरहानपुर, खंडवा, मंदसौर, रतलाम, सीहोर, और हरदा में गरज चमक के साथ वज्रपात और ओलावृष्टि के अलावा 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग में उपरोक्त सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। नागरिकों से निवेदन किया गया है कि मौसम के खतरे को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाएं बनाएं। 

मध्य प्रदेश के 18 जिलों में आंधी बारिश और वज्रपात का खतरा

मौसम केंद्र भोपाल से जारी मौसम का पूर्वानुमान एवं किसान मौसम बुलेटिन के अनुसार राजगढ़, नर्मदा पुरम, बैतूल, शाजापुर, आगर मालवा, नीमच, छिंदवाड़ा एवं भोपाल में तेज हवाओं के साथ वज्रपात और बारिश होने की संभावना है। इन जिलों के कुछ इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी और बारिश की संभावना है। उपरोक्त के अलावा गुना, अशोकनगर, श्योपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, दमोह, सागर, विदिशा एवं रायसेन में गरज चमक के साथ वज्रपात होने का खतरा जारी किया गया है। मौसम विभाग द्वारा उपरोक्त सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। नागरिकों से अपील की गई है की मौसम का ध्यान रखें और यदि मौसम खराब होता है तो सुरक्षा के इंतजाम करें। 

किसानों के लिए एडवाइजरी

  • परिपक्व फसलों की जल्द से जल्द कटाई करें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर जमा करें। 
  • केले के गुच्छों को बांस की डंडियों या पॉलीप्रोपाइलीन की डंडियों से सहारा दें। 
  • नई रोपी गई सब्जियों लता वाली सब्जियों को सहारा दें। 
  • बागवानी की फसलों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए हेलनेट का उपयोग करें। 
  • सिंचाई और किसी भी प्रकार के रासायनिक छिड़काव से बचें। 

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