भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कैस्पियन सागर में तूफानी घटनाओं से उठने वाले बादल हिमालय को पार करते हुए मध्य प्रदेश की तरफ बढ़ रहे हैं। 30 नवंबर की रात तक इन बादलों के मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर जाने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि, यह काफी घने बादल है और पूरे मध्य प्रदेश के आसमान पर छा जाएंगे। इनके कारण मध्य प्रदेश के सभी जिलों में किसी न किसी स्थान पर ओलावृष्टि अथवा बारिश होगी। यह बादल कम से कम 48 घंटे तक एक स्थान पर ओलावृष्टि अथवा बारिश करते रहेंगे।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान- इतने जिलों में ओलावृष्टि एवं बारिश की संभावना
भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के अनुसार 30 नवम्बर से मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। वहीं इस दौरान कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की भी संभावना है।
किसानों के लिए एडवाइजरी
- परिपक्व फसलों की जल्द से जल्द कटाई करें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर जमा करें।
- केले के गुच्छों को बांस की डंडियों या पॉलीप्रोपाइलीन की डंडियों से सहारा दें।
- नई रोपी गई सब्जियों लता वाली सब्जियों को सहारा दें।
- बागवानी की फसलों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए हेलनेट का उपयोग करें।
- सिंचाई और किसी भी प्रकार के रासायनिक छिड़काव से बचें।
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