मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा तत्काल कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी को वह कदम उठाना पड़ा जिसे जांच के नाम पर टाल दिया था। लोक शिक्षण संचालनालय के संभागीय संयुक्त संचालक अरविंद कुमार ने कक्षा 6 की छात्रा को बेरहमी से पीटने और उसका कोमल अंग घायल करने के आरोपी शिक्षक संतोष अहिरवार को सस्पेंड कर दिया है।
प्रधान अध्यापक ने चेतावनी और जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के नाम पर मामला टाल दिया था
ग्रामीणों ने इस मामले की सबसे पहले शिकायत विद्यालय के प्रधानाध्यापक से की थी परंतु उन्होंने अपराधिक कृत्य करने वाले शासकीय शिक्षक को चेतावनी देकर छोड़ दिया था। जब पत्रकारों ने जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी से सवाल किया तो उन्होंने जांच के नाम पर मामले को टाल दिया। पीड़ित परिवार निर्धन है एवं मजदूरी करता है, इसलिए उसे POCSO Act के बारे में नहीं पता। यही कारण है के मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा।
उन्होंने सोचा चुनाव चल रहे हैं, कोई ध्यान नहीं देगा
भोपाल के एक जागरूक पत्रकार ने इस मामले की पूरी रिपोर्टिंग और जांच पड़ताल की, लेकिन उसकी खबर केवल एक मोबाइल एप्लीकेशन में प्रकाशित हुई। चुनाव के कारण उसके प्रतिष्ठित संस्थान ने इतने संवेदनशील समाचार को स्थान नहीं दिया। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने उसी खबर को लिफ्ट कराया। कुछ ही घंटे में खबर वायरल हो गई। कई टीवी चैनलों और न्यूज़ पोर्टल पर दिखाई देने लगी। सवाल जवाब शुरू और अंत में बाल आयोग ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कदम बढ़ाया। यहां क्लिक करके उसे खबर को पढ़ सकते हैं जिसका असर हुआ।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।