जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बैच, मुख्य न्यायमूर्ति श्री रवि मलिमठ तथा न्यायमूर्ति श्री विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने आज दिनांक 12/12/23 को याचिका क्रमांक WP /30256/2023 की याचिका कर्ता जबलपुर निवासी कु. शिवानी सोनकर, कु.दिव्या सोनकर एवं नरसिंगपुर कु.वर्षा पटेल द्वारा सयुंक्त रूप से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिका दाखिल कर राज्य न्यायिक सेवा नियम 1994 के संशोधित नियम 7(g) के उपबंध की संवैधानिकता को चुनौती दीं गई है।
याचिकाकर्ता क्रमांक एक एवं दो द्वारा प्रथम सेमेस्टर एवं द्वितीय सेमेस्टर मे एटीकेटी के निर्धारित समय सीमा पांच वर्षा मे बी.ए.एल.एल.बी. उत्तीर्ण की है, याचिकाकर्ता क्रमांक 3-वर्षा पटेल ने एल एल.बी. तृतीय वर्ष पाठ्यक्रम मे प्रवेश लेकर बरकातुल्ल्हा यूनिवर्सिटी भोपाल से प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करके देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी इंदौर मे एल.एल.बी. द्वितीय वर्ष अर्थात तृतीय सेमेस्टर मे प्रवेश लिया तथा दोनों यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम मे परिवर्तन होने के कारण याचिका क्रमांक तीन को अतिरिक्त पांच विषय एटीकेटी के रूप मे उत्तीर्ण करना पड़े तथा निर्धारित समय सीमा मे एल एल.बी. (आनर्स) का पाठ्यक्रम 2022 मे कंप्लीट किया गया, लेकिन संशोधित नियम 7(g) के परन्तुक के अंतर्गत आरक्षित वर्ग को एल.एल.बी.50% बिना बिना एटीकेटी के पास होना अनिवार्य किया गया है अन्यथा तीन वर्ष वकालत का अनुभव नियत किया गया है।
अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय चीफ जस्टिस श्री रवि मलीमठ एवं श्री विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा याचिकाकर्ता क्रमांक 3 कु. वर्षा पटेल को सिविल जज परीक्षा 2022 मे शामिल करने का आदेश पारित किया गय तथा याचिका क्रमांक 1 एवं 2 को याचिका के अंतिम निर्णय के अध्याधीन कर दिया गया। याचिका कर्ताओ की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह ने की।
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