मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बेहद दुखद और दर्दनाक घटनाक्रम घटित हुआ है। 9 साल और 11 साल उम्र की 2 दो मासूम बेटियों के पिता की मृत्यु हो गई। उन्हें चलती कार से नीचे फेंका गया था। सीट बेल्ट में फंसने के कारण, वह कार के साथ 25 किलोमीटर तक घिसटते चले गए। जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। मृत युवक का नाम संदीप नकवाल है। अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली थी इसलिए परिवार से चलाने के लिए साफ सफाई का काम करता था।
चचेरे भाई ने चलती कर से नीचे फेंक दिया था
सीहोर एसपी श्री मयंक अवस्थी के अनुसार के शनिवार-रविवार की रात 12 बजे सूचना मिली थी कि भोपाल-ग्वालियर हाईवे पर एक कार में व्यक्ति घिसटते हुए जा रहा है। दोराहा टोल नाके के नजदीक कार को रोका, तब तक सीट बेल्ट में फंसे भोपाल निवासी 33 वर्षीय संदीप पिता रमेश की मौत हो चुकी थी। एसपी अवस्थी के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी मुकेश मेवाड़ा और दोनों आरोपियों (संजीव नकवाल (53), अवधपुरी, भोपाल एवं राजेश चढार (38), अवधपुरी, भोपाल) से पूछताछ की। इसमें सामने आया कि कार में बैठे हुए संदीप का अपने चचेरे भाई संजीव से झगड़ा हुआ था। विवाद बढ़ने के बाद संदीप को कार से बाहर फेंक दिया। संदीप सीट बेल्ट में फंस गया। इस दौरान कार करीब 25 किमी तक चली
प्रत्यक्षदर्शी बोले- 100 की स्पीड में जा रहे थे, हमने रोका, पर नहीं रुके
रात करीब रात 9:50 बजे थे। दोराहे फ्लाई ओवर पर कार में कुछ घिसटता हुआ देखा, उस समय कार करीब 80-100 की स्पीड में होगी। हमें लगा कि कोई बैग लटक रहा है। हम कार वालों को बताएं। हम अपनी कार से उनके थोड़ा नजदीक गए। अपनी कार का शीशा उतारकर उनको रोकने की कोशिश की।
उन्होंने हमारी नहीं सुनी, इसी बीच हमें लगा कि जो घिसट रहा है वो कोई युवक है। हमने तुरंत पुलिस को सूचना दी। हम करीब 20 किमी तक गाड़ी के पीछे रहे फिर आखिरकार उन्हें टोल प्लाजा पर कार रोकनी पड़ी। यह बॉडी कार के पीछे की तरफ लटक रही थी, जो ड्राइविंग सीट के अपोजिट साइट के सीट बेल्ट से उलझी हुई थी। गाड़ी में दो युवक थे जो नशे की हालत में थे।
परिवार में अकेला कमाने वाला था, अनुकंपा नियुक्ति मिलने वाली थी
संदीप के चाचा ससुर हीरा रानवे ने बताया कि संदीप सफाई का काम करता था। उसके पिता रमेश नकवाला की दो साल पहले मौत हो गई थी। वह खुशीलाल कॉलेज के विज्ञान भवन में बाबू थे। परिजन ने बताया कि संदीप की अनुकंपा नियुक्ति इस महीने होने वाली थी। संदीप की दो बेटियां हैं। एक छोटा भाई और मां हैं। घर में कमाने वाला अकेला था। परिजन ने बताया कि वह अजमेर के पास नसीदाबार में अपनी चाची की तेरहवीं में गए थे। लौटते समय यह घटना हुई।
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