मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 92 कॉलोनाइजर्स के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने पुलिस कमिश्नर श्री हरि नारायणचारी मिश्र आधिकारिक पत्र व्यवहार कर दिया है। यह सभी कालोनियां अवैध रूप से अस्तित्व में आई है। कॉलोनाइजर्स ने खेती की जमीन पर रेजिडेंशियल प्लॉट बनाकर बेच दिए। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति भी नहीं ली गई।
भोपाल के 92 खेतों में अवैध कॉलोनी बना दी
नगर पालिका निगम भोपाल और टीएंडसीपी की टीम द्वारा पूरे भोपाल का सर्वे किया गया। इस दौरान पाया गया कि, रातीबड़ में 46, ईंटखेड़ी में 20, निशातपुरा इलाके में 7, अयोध्या नगर क्षेत्र में 11 और छोला क्षेत्र में आठ अवैध कॉलोनी अस्तित्व में आई है। सभी जगह बिल्डर ने किसानों से उनकी कृषि भूमि खरीदी के लिए एग्रीमेंट किया, और ₹100 के स्टांप पेपर पर अवैध रूप से लिखा पड़ी करके रेजिडेंशियल प्लॉट का आवंटन कर दिया गया। उचित कार्रवाई के लिए यह रिपोर्ट कलेक्टर को दी गई। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सभी बिल्डर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए, पूरी रिपोर्ट भोपाल पुलिस कमिश्नर को सौंप दी है।
खेती की जमीन पर कॉलोनी क्यों नहीं काट सकते - Legal General knowledge
भारत के संविधान के अनुच्छेद 300A के अनुसार, खेती के लिए निर्धारित जमीन का कोई भी दूसरा उपयोग नहीं किया जा सकता। यहां तक की ऐसी जमीन को बिना खेती के खाली भी नहीं छोड़ा जा सकता। यदि कोई किसान ऐसा करता है तो उससे उसका खेत वापस ले लिया जाएगा। भारत के भूमि अधिनियम 1873 के अनुसार कृषि भूमि पर रेजिडेंशियल प्लॉट बनाने से पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य है। शहरी विकास अधिनियम 1966 के अनुसार शहरी क्षेत्र में कृषि भूमि के उपयोग को बदलने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता है। कृषि भूमि संरक्षण अधिनियम 2001 के अनुसार, जब तक की ऐसा करना अनिवार्य ना हो जाए तब तक राज्य सरकार कृषि भूमि को किसी और काम के लिए उपयोग हेतु अनुमति नहीं दे सकती।
उपरोक्त सभी कानून के अनुसार खेती के लिए आरक्षित की गई जमीन का लैंडयूज चेंज करना बेहद जटिल प्रक्रिया है, और ऐसा तब तक नहीं किया जा सकता जब तक की ऐसा करना बेहद आवश्यक ना हो गया हो। ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।