मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एक सरकारी स्कूल में पदस्थ व्यावसायिक शिक्षण श्री आकाश यादव उम्र 23 वर्ष निवासी अशोकनगर की आत्महत्या के मामले में ढाई महीने से फरार चल रहे प्राचार्य एवं दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से एक शिक्षक श्री छगनलाल शाह को जमानत मिल गई जबकि प्राचार्य श्रीप्रकाश विजय वर्गीय और एक अन्य शिक्षक श्री नरेंद्र दुबे को जेल भेज दिया गया।
अरविंद भार्गव हायरसेकंडरी स्कूल हर्राखेड़ा का मामला
मूलरूप से अशोकनगर निवासी आकाश यादव पुत्र गोपाल यादव (23 वर्ष) यहां ग्राम हर्राखेड़ा में शासकीय अरविंद भार्गव हायरसेकंडरी स्कूल में व्यावसायिक प्रशिक्षक/शिक्षक के रूप में एग्रीकल्चर ट्रेड में स्किल वेंचर कम्पनी के माध्यम से विगत जुलाई माह से कार्यरत थे। ये स्कूल से लगभग 400 मीटर की दूरी पर किराए के मकान में निवासरत थे। दिनांक 14 अक्टूबर 2023 शनिवार सुबह जब वह स्कूल नहीं पहुँचे तो उनके साथी शिक्षक द्वारा चिंता करते हुये उनके जब घर पहुँचे तो अंदर से दरवाजा बंद मिला और कुंडी खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खोला गया तो पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया। कमरे में आकाश यादव फंदे में लटके मिले जब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
व्यावसायिक शिक्षण आकाश यादव का सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में व्यावसायिक प्रशिक्षक ने लिखा मुझे शाला प्राचार्य प्रकाश विजयवर्गीय, शिक्षक नरेंद्र दुबे और अतिथि शिक्षक छगनलाल शाह द्वारा लगातार कई दिनों से मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है। प्राचार्य महोदय मेरे स्थान पर अपने रिश्तेदार साले को लाना चाहते है जिसके कारण मुझे परेशान किया जा रहा है। इसके साथ ही मेरी छगनलाल नामक अतिथि शिक्षक के साथ वादविवाद होने के कारण मुझ पर ही झूठी FIR दर्ज करवाने की धमकी दी गई, जिसके कारण मैं बहुत परेशान हूँ।
ये लोग मेरी जिंदगी खराब करना चाहते हैं प्राचार्य प्रकाश विजयवर्गीय द्वारा मेरी ज्वाइनिंग के समय भी रिश्वत की मांग की गई थी। इसके साथ ही अन्य शिक्षकों से भी रिश्वत मांगते हैं और परेशान किया करते हैं। मेरी उपस्थिति पोर्टल पर भी नहीं चढ़ा रहे, जिसके कारण मेरी 3 माह की सैलरी नहीं मिली। मैं जो कदम आज उठा रहा हूँ उसके जिम्मेदार प्रकाश विजयवर्गीय, नरेंद्र दुबे और छगनलाल शाह ये तीनों हैं।
प्रताड़ना के आरोपी प्राचार्य और शिक्षक को आयुक्त लोक शिक्षण का संरक्षण
इस समाचार में उल्लेख करना प्रासंगिक है कि आत्महत्या के मामले में आरोपी प्राचार्य एवं शिक्षकों को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव का संरक्षण प्राप्त है। यह इसलिए क्योंकि, सरकारी स्कूल में अधीनस्थ कर्मचारी को प्रताड़ना के आरोपी को मामला दर्ज होते ही सस्पेंड नहीं किया गया। उनके खिलाफ कोई डिपार्मेंटल इंक्वारी नहीं की गई। जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय ने जेल भेज दिया। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से नियमानुसार सस्पेंड करने का प्रस्ताव भेजा गया परंतु आयुक्त महोदय ने अब तक प्राचार्य को सस्पेंड नहीं किया है।
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