बच्चा गोद लेने के लिए दंपत्ति भ्रमित रहते हैं जबकि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। अनाथ, परित्यक्त एवं निराश्रित बच्चे जिनकी उम्र 0-18 वर्ष से कम है ऐसे बच्चों को किशोर न्याय बालकों की देख रेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से गोद दिया जाता है।
Legal process of child adoption in India
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए कोई भी दंपत्ति केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण में अपने सभी जरूरी दस्तावेज के साथ ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है। आवेदन करने के बाद आप जिस संस्था या जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग को गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के लिए सलेक्ट करते हैं वहां की संस्था का कर्मचारी या जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग का कर्मचारी आपके घर आकर गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार करते है।
आपको कुछ समय बाद आपके द्वारा पोर्टल पर दी गई जानकारी और दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण करते समय जिस राज्य या जोन के लिए आपने आवेदन किया है वहां से आप बच्चा गोद ले पाते हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग से कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर प्राप्त कर सकते हैं।
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