मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आदमपुर छावनी में एक भूमाफिया ने 30 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके, उसे पर प्लॉट बनाकर लोगों को लीज पर दे दिए। प्रशासन में कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों ने मकान बना लिए तो एसडीएम ने सभी मकान तोड़ दिए, लेकिन भूमिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि पहले भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन पूरी प्रशासनिक कार्रवाई में भूमिया के नाम का जिक्र तक नहीं किया गया।
भू माफिया ने बाउंड्री वॉल बनाकर सरेआम प्लॉट आवंटित किए थे
भोपाल के अनुविभागीय क्षेत्र हुजूर के एसडीएम आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में अमला कार्रवाई करने के लिए पहुंचा था। सुबह 11:30 बजे से तहसीलदार दिलीपकुमार चौरसिया, नायब तहसीलदार लोकेश चौहान, अतिक्रमण प्रभारी नासिर खान ने कार्रवाई शुरू की। यहां करीब 30 एकड़ जमीन पर कई लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा कर रखा था। कई लोगों ने तो पक्के निर्माण भी कर लिए थे और बाउंड्रीवॉल भी बना ली थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने बिलखिरिया पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई शुरू की।
पब्लिक ने विरोध किया तो पुलिस ने डंडा चला दिया
कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध भी जताया। महिलाओं ने छोटे बच्चों को आगे खड़ा कर दिया। ताकि, कार्रवाई रूक सके, लेकिन अफसरों की सख्ती के आगे उनकी एक नहीं चली। कुछ लोगों ने हंगामा और विवाद करने की कोशिश भी की। इसके चलते यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया। आदमपुर छावनी की सरकारी जमीन को किराए पर देने की शिकायत भी हुई है। बताया जाता है कि एक व्यक्ति ने प्लाट के रूप में जमीन किराए पर दे दी। जिन पर लोगों ने कच्चे-पक्के मकान बना लिए। करीब 3 घंटे तक कार्रवाई चली।
भू माफिया और प्रशासन ने मिलकर पब्लिक को ठगा?
एसडीएम ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर लिया परंतु सरकारी जमीन को प्राइवेट लीज पर देने वाले भू माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां तक की प्रशासन ने भू माफिया का नाम तक नहीं बताया, जबकि पब्लिक ने चिल्ला चिल्लाकर भू माफिया का नाम बताया था और जनता सबसे पहले भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थी। पूरा घटनाक्रम कुछ ऐसा हुआ जैसे भू माफिया और एसडीम ने मिलकर पब्लिक को ठग लिया हो। पहले भू माफिया को प्लॉट आवंटित करने और बाउंड्री बनाने का मौका दिया गया और जब भू माफिया की कमाई पूरी हो गई तो एसडीएम ने सरकारी जमीन मुक्त करवा ली। यानी जमीन पर कब्जा भी नहीं हुआ और कमाई भी हो गई। यदि मिली भगत नहीं है तो, कब्जाधारियों के बयान और पंचनामा के आधार पर भू माफिया के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
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