मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सबसे ज्यादा वोट गोविंदपुरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती कृष्णा गौर को मिले हैं परंतु सबसे दमदार जीत हुजूर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी श्री रामेश्वर शर्मा की है, क्योंकि जो चुनौतियां श्री रामेश्वर शर्मा के सामने थी, पूरे भोपाल जिले में किसी भी भाजपा प्रत्याशी के सामने नहीं थी।
रामेश्वर शर्मा का चुनाव जीतना मुश्किल लगने लगा था
श्री रामेश्वर शर्मा हुजूर विधानसभा सीट से विधायक हैं, भारतीय जनता पार्टी के नेता है और विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर भी रह चुके हैं परंतु पिछले 5 सालों में जितनी चुनौतियां श्री रामेश्वर शर्मा के सामने आई उतनी किसी के सामने नहीं थी। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह तो जैसे श्री रामेश्वर शर्मा से व्यक्तिगत दुश्मनी पाल बैठे थे। एक समय ऐसा आया था जब भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी श्री रामेश्वर शर्मा को सपोर्ट नहीं मिल रहा था। मध्य प्रदेश में ज्यादातर विधायकों ने चुनाव के दौरान जनसंपर्क और अपना प्रचार किया है परंतु श्री रामेश्वर शर्मा पूरे 5 साल तक जनसंपर्क और अपना प्रचार करते रहे।
कृष्णा गौर के एक लाख पर रामेश्वर के 90000 भारी
गोविंदपुरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय बाबूलाल गौर की बहू एवं विधायक श्रीमती कृष्णा गौर 106668 वोटो से चुनाव जीत गई हैं। भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट, भारतीय जनता पार्टी की पारंपरिक सीट मानी जाती है। यहां के मतदाता स्वर्गीय बाबूलाल गौर से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए थे। कांग्रेस पार्टी के पास इन व्यक्तिगत रिश्तों का कोई विकल्प नहीं था।
हुजूर विधानसभा सीट पर श्री रामेश्वर शर्मा 97910 वोटो से चुनाव जीते हैं। समीक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो यह भोपाल का सबसे बड़ा आंकड़ा है, क्योंकि हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा को 50000 वोटो से जीतने की उम्मीद भी नहीं थी। यहां श्री रामेश्वर शर्मा, लाडली बहन के प्यारे भैया बनने में सफल हुए।
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