डॉ. सुनील मलिक, को भोपाल का सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट कहा जाता है। यही कारण है कि उनसे इलाज करने के लिए मध्य प्रदेश के कई जिलों से मरीज भोपाल आते हैं। इन्हीं मरीजों में एक 20 वर्षीय लड़की अनामिका भी थी। वह माइग्रेन से पीड़ित थी। सागर से भोपाल डॉक्टर सुनील मलिक से इलाज करने के लिए आती थी, लेकिन जब उसे डॉक्टर मलिक के इलाज से भी कोई आराम नहीं मिला तो उसकी उम्मीदें टूट गई और उसने सुसाइड कर लिया।
मरने से पहले लड़की ने बताया- दर्द सहन नहीं होता था
निशातपुरा थाना पुलिस ने बताया कि, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाली एक महिला के घर उसके मायके सागर से उसकी बहन अनामिका उम्र 20 वर्ष आई थी। दो दिन पहले सुबह करीब आठ बजे अचानक ही उसकी तबियत बिगड़ी। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा छात्रा के मरणासन्न कथन (मृत्यु पूर्व कथन) लिए। इसमें छात्रा ने बताया कि वह माइग्रेन के दर्द को सहन नहीं कर पाती थी। असहनीय दर्द से परेशान होकर ही उसने जहर की गोलियां खाई थीं। इलाज के दौरान आज सुबह अनामिका की मौत हो गई।
अनामिका की बहन ने बताया कि वह माइग्रेन की बीमारी से पीड़ित थी। लोगों ने बताया था कि डॉ सुनील मलिक, भोपाल के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर हैं। इंटरनेट पर भी ऐसा ही लिखा हुआ है। इसीलिए वह डॉक्टर सुनील मलिक से इलाज करवा रही थी। चेकअप कराने के लिए ही सागर से भोपाल आई थी, लेकिन जब माइग्रेन के दर्द में कोई आराम नहीं मिला तो उसने आत्महत्या कर ली।
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