"सरकार ने शहरी रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों (एसवी) के अधिकारों की रक्षा करने और रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने की गतिविधियों को विनियमित करने के उद्देश्य से रेहड़ी-पटरी दुकानदार (आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता गतिविधि विनियमन) अधिनियम, 2014 बनाया था। इस अधिनियम को संबंधित राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा इसके प्रावधानों के अनुसार शहरी रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने के लिए नियम, उपनियम, योजना तथा कार्य प्रणाली तैयार करके कार्यान्वित किया जाता है। इस सिलसिले में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर उपरोक्त अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार एजेंसी होने के नाते राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किये हैं।
रेहड़ी-पटरी दुकानदार (आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता गतिविधि विनियमन) अधिनियम, 2014
रेहड़ी-पटरी दुकानदार (आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता गतिविधि विनियमन) अधिनियम, 2014 में दिये गए प्रावधान के अनुसार राज्य/शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) द्वारा हर पांच वर्ष में कम से कम एक बार रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण आयोजित किये जाते हैं। यदि कोई भी व्यक्ति दो सर्वेक्षणों के बीच की अवधि में इस तरह की गतिविधि में शामिल होना चाहता है, तो राज्य/शहरी स्थानीय निकाय की नगर विक्रय समिति ऐसे व्यक्ति को योजना, रेहड़ी-पटरी स्वरोजगार कार्यक्रम और वेंडिंग जोन की कुल क्षमता के अनुसार सामान विक्रय करने का प्रमाणपत्र (सीओवी) प्रदान कर सकती है।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएमस्वनिधि योजना के तहत, 'स्वनिधि से समृद्धि' के उप-घटक के तहत चयनित राज्य/शहरी स्थानीय निकाय में पीएमस्वनिधि लाभार्थियों और उनके परिवारों की सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइलिंग का कार्य शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पात्र रेहड़ी-पटरी दुकानदार को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है, जिनमें अन्य लाभ के अलावा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का फायदा देना शामिल हैं।
इसके अलावा, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के एक घटक के रूप में शहरी रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले विक्रेताओं को सहायता संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जा रही है। इसके तहत, शहरी रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले विक्रेताओं को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने तथा जोखिमों/अनिश्चितताओं से कवरेज प्रदान करने के उद्देश्य से; शहरी स्थानीय निकाय भी इस तरह के दुकानदारों की इच्छा के अनुसार, भारत सरकार की बीमा योजनाओं या किसी राज्य की विशिष्ट बीमा योजनाओं में उनके नामांकन की सुविधा प्रदान करते हैं।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।"
काम की बातें
- सुरक्षा के लिए आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता गतिविधि विनियमन अधिनियम, 2014 बनाया गया है। कोई भी सरकारी अधिकारी बिना कारण और चेतावनी दिए बिना हटा नहीं सकता। समान नहीं फेंक सकता। सामान जप्त नहीं कर सकता।
- राज्य सरकार हर 5 साल में सर्वेक्षण करेगी, और नाम पता पहचान सहित लिस्ट बनाएगी।
- यदि कोई 10 साल तक सड़क किनारे फुटपाथ पर ठेला, गुमटी, दुकान संचालित कर रहा है तो उसे रेहड़ी-पटरी स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत लाभान्वित किया जाएगा।
- पीएमस्वनिधि योजना का लाभ दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ दिया जाएगा।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का लाभ दिया जाएगा।
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