Legal general knowledge and law study notes
दवाइयां मरते हुए इंसान को जीवन देती है। अच्छी दवा मनुष्य को फिर से स्वस्थ बना देती है लेकिन ज्यादा मुनाफे के लालच में कुछ लोग एवं कंपनियां दवाइयां में भी मिलावट कर देते हैं। इसके कारण उनके स्वस्थ होने में समय लगता है, कई बार दवाई उल्टा असर कर जाती है, और बीमारी बढ़ जाती है। कभी-कभी दवाई में की गई मिलावट जानलेवा साबित होती है। ऐसे मिलावट खोरों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 274 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी औषधि में मिलावट करता है, जो भविष्य में उपयोग में लाने वालीं हो या बेचे जानी वाली हो, जानते हुए हानिकारक नकली दवाई बनाएगा, वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 274 के अंतर्गत दोषी होगा।
विशेष नोट:- राज्य संशोधन अधिनियम, 1975 क्रमशः 1973 के अनुसार अब उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में यह अपराध संज्ञेय एवं अधिकतम आजीवन कारावास और जुर्माने से दण्डनीय होगा, मजिस्ट्रेट चाहे तो दण्ड में संशोधन कर सकता है।
Indian Penal Code, 1860 section 274 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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