Legal general knowledge and law study notes
कई बार डॉक्टर अथवा केमिस्ट यानी मेडिकल स्टोर संचालक गलत दवाई दे देते हैं। मरीज को वायरल फीवर होता है और उसे मलेरिया की दवाई दे दी जाती है। डॉक्टर जो दवाई लिखता है मेडिकल स्टोर वाले के पास वह दवाई नहीं होती और वह अनाधिकृत रूप से अपने ज्ञान के आधार पर कोई दूसरी दवाई दे देता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 276 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी दवा को बदलकर बेचेगा, प्रदर्शन करेगा, या बेचने का प्रस्ताव रखेगा जो वास्तव मे वह नहीं है अर्थात किसी अन्य दवा के स्थान पर कोई अन्य बीमारी की दवा बेचता है या देता है, तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 276 के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
विशेष नोट:- राज्य संशोधन अधिनियम, 1975 क्रमशः 1973 के अनुसार अब उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में यह अपराध संज्ञेय एवं अधिकतम आजीवन कारावास और जुर्माने से दण्डनीय होगा,मजिस्ट्रेट दण्ड को कम भी कर सकता है।
Indian Penal Code, 1860 section 276 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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