Legal general knowledge and law study notes
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अनुसार जो कोई व्यक्ति ध्वनि प्रदूषण करता, जल प्रदूषण करता, वायु प्रदूषण करता है, उसके खिलाफ सिविल मामला दर्ज किया जा सकता है, लेकिन वायु प्रदूषण करने वाले व्यक्ति के खिलाफ थाने में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है, जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 278 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति वायुमंडल को जानबूझकर प्रदूषित करेगा, जिससे किसी जन-साधारण व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी हानि होने की संभावना हो, तब वायु को प्रदूषित करने वाला व्यक्ति, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 278 के अंतर्गत दोषी होगा।
Indian Penal Code, 1860 section 278 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम पाँच सौ रुपये जुर्माना लिया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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