IPC 281 - समुद्र के ट्रैफिक सिग्नल से छेड़छाड़ करना कितना गंभीर अपराध है, जानिए

Bhopal Samachar

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जब कोई जलयान समुद्र में चलता है तो रात के समय मे वह सिर्फ किसी प्रकाश के द्वारा अपना स्थान एवं मार्ग देखता है। इसी प्रकार दिन के समय भी मार्ग बताने के लिए कई प्रकार के चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। अगर इन प्रकाश या संकेत चिन्हों को कोई हटा देता है, अथवा बदल देता है, तो वह जलयान अपने मार्ग से भटक सकता है और किसी अन्य मार्ग पर जा सकता है। जो व्यक्ति इन प्रकाश चिन्हों को जानबूझकर हटाता है या जलयान को गलत रास्ते भेजने के लिए प्रकाश चिन्हों में परिवर्तन करता है तब उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 281 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति नौ-परिवहन को गुमराह करने के उद्देश्य से भ्रामक संकेत देगा, या किसी प्रकाश चिन्हों को हटाएगा, या गलत दिशा मे प्रदर्शित करेगा, उसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 281 के तहत मामला दर्ज करके, उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा एवं न्यायालय द्वारा दंडित किया जाएगा।

Indian Penal Code, 1860 section 280 Punishment 

इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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