मध्य प्रदेश के एकमात्र निर्दलीय विधायक श्री कमलेश्वर डोडियार ने चुनाव जीतकर वैसे भी सबका ध्यान खींच लिया था। फिर विधानसभा में डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए मोटरसाइकिल पर 350km की यात्रा की तो पूरे देश की मीडिया ने हाईलाइट कर दिया परंतु अब पता चल रहा है कि उनके खिलाफ बलात्कार सहित 12 मामले दर्ज हैं। वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में समान रूप से सक्रिय हैं और राज्यों की सीमा का लाभ उठाना जानते हैं।
विधायक कमलेश्वर डोडियार - दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है
श्री कमलेश्वर डोडियार, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में आदिवासी नेता हैं, झोपड़ी में रहते हैं परंतु इन्हें कमजोर समझने की कोशिश मत कीजिएगा। श्री कमलेश्वर डोडियार ने उज्जैन से ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है। माता-पिता आज भी मजदूरी करते हैं। ऐसी सिचुएशन में ज्यादातर बच्चे अपनी प्रोफेशनल लाइफ शुरू करते हैं, ताकि मां-बाप को बुढ़ापे में मजदूरी पर न जाना पड़े परंतु श्री कमलेश्वर डोडियार ने आदिवासी समाज का नेतृत्व करने का फैसला किया। श्री कमलेश्वर डोडियार को मध्य प्रदेश में पहली पहचान जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य के रूप में मिली।
विधायक कमलेश्वर डोडियार - जेल से छूटते ही चुनाव लड़ा और जीत गए
श्री कमलेश्वर डोडियार ने अपने पोलिटिकल कैरियर की शुरुआत जयस के साथ की परंतु ताजा चुनाव भारत आदिवासी पार्टी के मैंडेट पर लड़ा। भोपाल आकर बयान दिया है कि वह मंत्री बनना चाहते हैं, यानी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। यह उनका तीसरा चुनाव है। पहले चुनाव सन 2018 में निर्दलीय लड़ा और केवल 18000 वोट मिले। 2019 में रतलाम झाबुआ लोकसभा का चुनाव लड़ा और केवल 14000 वोट मिले। 2023 में जैसे ही जेल से छुटकारा आए, 8 दिन बाद नामांकन फॉर्म भर दिया और चुनाव जीत गए।
विधायक कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ बलात्कार सहित 12 मुकदमे दर्ज हैं
झोपड़ी में रहने वाले मजदूर पिता के पुत्र और मध्य प्रदेश के सबसे गरीब विधायक के अलावा श्री कमलेश्वर डोडियार की एक और पहचान है। पुलिस रिकॉर्ड में उनके खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज हैं। ताजा बलात्कार का मामला नवंबर 2022 में दर्ज किया गया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए श्री कमलेश्वर डोडियार मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा क्षेत्र वाले जंगल में लंबे समय तक छुपे रहे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले राजस्थान पुलिस ने डूंगरपुर से गिरफ्तार करना बताया। हालांकि यह भी कहा जाता है कि चुनाव लड़ने के लिए सरेंडर किया था।
लोन लेकर चुनाव लड़ा, अब समाज से कलेक्शन कर रहे हैं
श्री कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन जैसे राजनीतिक मामलों के अलावा भी कुछ गंभीर मामले दर्ज हैं। श्री डोडियार बताते हैं कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए ₹1200000 लोन लिया है। चुनाव जीतने के बाद पूरी विधानसभा में सामाजिक पंचायत का आयोजन कर रहे हैं। आदिवासी परंपरा में इसे इसे "नोतरा" कहते हैं। समाज की सभा में श्री डोडियार चुनाव प्रचार के लिए लिया गया कर्ज चुकाने हेतु समाज के लोगों से आर्थिक मदद मांग रहे हैं। यह भी कह रहे हैं कि जो कोई उनकी मदद करेगा, बदले में वह उनकी मदद करेंगे। राजनीति में इसका दूसरा अर्थ यह भी होता है कि यदि आपने विधायक को चंदा नहीं दिया तो, विधायक भी आपकी मदद नहीं करेंगे। बताते हैं कि अब तक लगभग 5 लाख रुपए इकट्ठा कर चुके हैं।
नोतरा की क्या जरूरत अपने वेतन भत्ते से लोन चुका सकते हैं
श्री कमलेश्वर डोडियार अब विधायक बन गए हैं। मध्य प्रदेश में प्रत्येक विधायक को वेतन और भत्ते मिलकर 110000 रुपए प्रति महीना मिलता है। 16वीं विधानसभा की समाप्ति तक यह राशि 160000 रुपए हो जाएगी। श्री कमलेश्वर डोडियार को 5 साल तक विधायक रहना है, और मात्र 11 महीने में उन्हें 12 लाख ₹10 हजार मिल जाएंगे। यानी वह अपना लोन अपने वेतन भत्तों से चुका सकते हैं। चाहे तो हर महीने 25000 की किस्त लगा सकते हैं। चुनाव जीतने से पहले गरीब हो सकते थे परंतु अब गरीब नहीं है।
मध्य प्रदेश में विधायक का वेतन एवं भत्ते
- वेतन: 30 हजार रुपये
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 35 हजार रुपये
- भत्ता: 10 हजार रुपये
- चिकित्सा भत्ता: 10 हजार रुपये
- कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता: 15 हजार रुपये
- लेखन सामग्री और डाक भत्ता: 10 हजार रुपये
- कुल वेतन और भत्ता: 1 लाख 10 हजार रुपये
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।