27 दिसंबर की रात 8:00 बजे हुआ गुना एक्सीडेंट जिसमें, 30 में से 13 यात्री जिंदा जलकर मर गए, मामले में एक नया खुलासा हुआ है। हादसे का शिकार हुई बस सिकरवार ट्रेवल्स की थी। ट्रेवल्स के पास कुल 15 बस हैं। इनमें से 13 बस का परमिट ही नहीं है। यह जानकारी गुना के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री आशीष रघुवंशी की एक रिपोर्ट से मिली है।
श्री रघुवंशी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, गुना में बुधवार 27 दिसंबर को जिस बस में 13 यात्री जिंदा जले, उस सिकरवार ट्रेवल्स की अलग-अलग रूटों पर 15 बसें दौड़ रही थीं। इनमें से 12 (जली बस भी शामिल) ऐसी हैं जिनके पास परमिट नहीं था। इन बसों का फिटनेस भी खत्म हो चुका है। खास बात यह है कि बिना परमिट वाली दो बसों का उपयोग विधानसभा चुनाव में भी किया गया है। 12 साल पुरानी ये बसें भी मेंटेनेंस के अभाव में खटारा हो चुकी हैं। हादसे के बाद इस सभी बसों को प्रशासन ने अपने अंडर में ले लिया है।
सिकरवार ट्रेवल्स की 15 में से किसी भी बस का बीमा नहीं
गुना के रामप्रताप सिकरवार का परिवार सिकरवार बस सर्विस नाम से बसों का संचालन करता है। इनके पास 15 बसें होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि, यह संख्या बढ़ भी सकती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, एक भी बस का बीमा नहीं था। जब ये बसें खरीदी गईं, तब ही बीमा हुआ था। उसके बाद कभी भी बीमा नहीं कराया गया। एमपी ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार 15 बसों में से केवल 4 बसों के पास परमिट था, बाकी 11 बसें बिना परमिट के ही चल रही थीं।
फिटनेस खत्म, फिर भी सड़कों पर दौड़ रही थी बसें
इन 15 बसों की फिटनेस खत्म हो चुकी थी। कुछ की 4 वर्ष पहले, कुछ की 3 और कुछ की दो वर्ष पहले। यानी नियम अनुसार ये बसें सड़क पर नहीं चलाई जा सकतीं। इसके बाद भी बसों का संचालन किया जा रहा था। सैकड़ों सवारियां इनमें रोज सफर करती थीं। पिछले दो वर्षों से तो किसी भी बस का टैक्स नहीं चुकाया गया है। RTO विभाग को टैक्स जमा नहीं किया गया। यानी सरकार को भी चूना लगाया गया। सूत्र कहते हैं कि बिना विभाग की मदद के यह नहीं हो सकता कि एक दर्जन से ज्यादा बसें सड़कों पर बिना परमिट, बिना बीमा, बिना फिटनेस और बिना टैक्स दिए दौड़ती रहें।
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