MP NEWS - एग्जिट पोल के 20 घंटे बाद कमलनाथ का वीडियो जारी, पत्रकारों का सामना नहीं किया

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान के बाद दिनांक 30 नवंबर 2023 को जिस प्रकार से एग्जिट पोल सामने आए हैं, सही हो या गलत लेकिन इनका इस प्रकार से आ जाना ही कमलनाथ का फेलियर नंबर वन है। नोट करने वाली बात है, एग्जिट पोल आते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मीडिया के कैमरे का सामना करते हुए नजर आए परंतु मुख्यमंत्री पद के दावेदार मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कांग्रेस नेता कमलनाथ अनुपस्थित थे। पूरे 20 घंटे बाद उनका वीडियो जारी हुआ है। पत्रकारों का सामना अब तक नहीं किया है। 

वीडियो में कमलनाथ ने क्या कहा

एग्जिट पोल 30 नवंबर की शाम को आ गए थे और कमलनाथ का वीडियो 1 दिसंबर की शाम को जारी हुआ। इसमें कमलनाथ ने कहा है कि, कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता पूरी ताकत से मैदान में आ जाएं। भाजपा चुनाव हार चुकी है। कुछ एग्जिट पोल जानबूझकर इसलिए बनाए गए हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हों और झूठा माहौल दिखाकर अधिकारियों पर दबाव बनाया जाए। यह षड्यंत्र कामयाब होने वाला नहीं है। कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, मोर्चा संगठनों के प्रमुख और प्रकोष्ठ के पदाधिकारी अपने-अपने काम में जुट जाएं और निष्पक्ष मतगणना कराएं। हम सब जीत के लिए तैयार हैं। हम सब एकजुट हैं। आपको कोई भी समस्या लगती है तो आप सीधे मुझसे बात करें। 3 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी की सरकार बन रही है। 

एग्जिट पोल के नतीजे कमलनाथ का फेलियर नंबर वन

दिनांक 3 दिसंबर 2023 को चुनाव परिणाम कुछ भी आए परंतु जिस प्रकार के एग्जिट पोल सामने आए हैं, यह कमलनाथ का फेलियर नंबर वन है। एग्जिट पोल इस बात को प्रमाणित करते हैं की कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का प्रचार करने में असफल साबित हुए हैं। एग्जिट पोल इस बात का संकेत भी देते हैं की कमलनाथ और उनके साथियों ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया और पत्रकारों से बचकर चुनाव लड़ने का प्रयास किया है। एग्जिट पोल के नतीजे इस बात को प्रमाणित करते हैं कि कमलनाथ का मीडिया के साथ अच्छा संबंध नहीं था, जो कि चुनाव में बहुत जरूरी होता है। 

यह बात सही है कि एग्जिट पोल में एक प्रतिशत मतदाताओं से भी सवाल नहीं किए जाते और यह भी पक्का नहीं होता कि मतदाता जो उत्तर दे रहे हैं, वह अपना सच बता रहे होंगे परंतु एग्जिट पोल केवल मतदाताओं के जवाबों के आधार पर नहीं होता। इसमें पार्टी ने कितना प्रचार किया। एग्जिट पोल की टीम को कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रचार करते हुए दिखाई दिए या नहीं। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों ने पत्रकारों के सवालों का सामना किया या नहीं, ऐसे बहुत सारे सिग्नल शामिल होते हैं। 


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