मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भले ही शासकीय कर्मचारियों ने, जनता के मूड के खिलाफ कांग्रेस पार्टी को वोट दिए लेकिन भाजपा की नई सरकार का गठन होते ही सबसे पहले 7 लाख शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का आदेश जारी होगा। मध्य प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिया जाना है। इसके लिए मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में 4% की वृद्धि की जाएगी।
चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री कार्यालय ने महंगाई भत्ता रोक दिया था
सामान्य प्रशासन विभाग ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के समय वित्त विभाग का महंगाई भत्ता बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव अनुमति के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से चुनाव आयोग को भेजा था। तब आयोग ने मतदान को देखते हुए इस पर सहमति नहीं दी थी। मतदान होने के बाद विभाग ने फिर प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा था, लेकिन उसे आगे नहीं भेजा गया।
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की महंगाई भत्ते का मामला क्यों अटका हुआ है, पढ़िए
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महंगाई भत्ता कब से देना है, इस संबंध में निर्णय कैबिनेट द्वारा ही लिया जाएगा। हमें जैसे निर्देश मिलेंगे, उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई की जाएगी। अर्थात महंगाई भत्ता का आदेश जारी होने से पहले कैबिनेट की बैठक होना जरूरी है। इसके लिए नई सरकार के गठन का इंतजार करना होगा। मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद, जैसे ही पहली कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी, वित्त विभाग द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का प्रस्ताव पेश कर दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि, पहली बैठक में कैबिनेट द्वारा महंगाई भत्ता की तारीख का निर्धारण कर दिया जाएगा।
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