मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 17000 अतिथि शिक्षक परेशान है। वह नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं। कक्षा में बच्चों को पढ़ने के अलावा दूसरे काम भी कर रहे हैं परंतु पिछले 4 महीना से ना तो उन्हें मानदेय मिला है, और हजारों अतिथि शिक्षकों की अब तक ऑनलाइन ज्वाइन भी नहीं करवाया गया है।
मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की स्थिति का विवरण
श्री अभय गुप्ता ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को बताया कि, दिनांक 2 सितंबर 2023 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान और वेतन वृद्धि का ऐलान किया था। माना जा रहा था कि, अब अतिथि शिक्षकों की सभी परेशानियां खत्म हो गई है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं होगा। लाल परेड ग्राउंड की अतिथि शिक्षक पंचायत में मुख्यमंत्री ने जो भी घोषणाएं की थी, स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से, उन घोषणाओं से संबंधित कोई आदेश जारी नहीं होगा। यहां तक कि पिछले साल की तरह इस साल अतिथि शिक्षकों को वेतन देने के लिए बजट का आवंटन तक नहीं हुआ। अतिथि शिक्षक अब नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की ओर देख रहे हैं।
अतिथि शिक्षक पंचायत की घोषणाएं
• अतिथि शिक्षकों को अब महीने के हिसाब से मानदेय की व्यवस्था होगी।
• अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि:-
• वर्ग-1 में 9 हजार की जगह अब 18 हजार मानदेय मिलेगा।
• वर्ग-2 में 7 हजार की जगह अब 14 हजार मानदेय मिलेगा।
• वर्ग -3 में 5 हजार की जगह अब 10 हजार मानदेय मिलेगा।
• अतिथि शिक्षकों का अनुबंध पूरे एक साल का होगा।
• शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 25% की जगह 50% आरक्षण मिलेगा।
• पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी।
मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को सिंधिया के बाद शिवराज ने ठगा
कर्मचारी मामलों के विशेषज्ञ श्री अजय गौतम ने भोपाल समाचार डॉट कॉम से चर्चा करते हुए बताया कि, मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक लगातार दूसरी बार ठगी का शिकार हुए हैं। सन 2018 में विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का वादा किया था। चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी, लेकिन जब 15 महीने बीत जाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो अतिथि शिक्षकों ने श्री सिंधिया को उनका वादा याद दिलाया।
सिंधिया ने भरे मंच से ऐलान किया था कि, जनता के हित की लड़ाई लड़ने के लिए सब कुछ त्याग कर सड़क पर उतर जाना ही सिंधिया परिवार की परंपरा है। फिर सिंधिया सड़क पर उतरे और भाजपा में शामिल हो गए। अतिथि शिक्षक सड़क के दूसरी तरफ खड़े उनका इंतजार ही करते रह गए। अब 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में पंचायत बुलाकर विधिवत घोषणा की थी। यह भाजपा की चुनावी घोषणा नहीं थी बल्कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा थी। सरकारी रिकॉर्ड में है फिर भी, घोषणा पर अमल नहीं किया जा रहा है।
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