मध्य प्रदेश के गुना जिले में बिना परमिट, फिटनेस और इंश्योरेंस वाली खटारा बस के एक्सीडेंट के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हादसे के लिए प्रशासनिक तौर पर जिम्मेदार आरटीओ, घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड देर से पहुंचने के कारण नगर पालिका के सीएमओ को सस्पेंड कर दिया है। रिश्वतखोर आरटीओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के कारण गुना जिले के कलेक्टर और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया है। एक खटारा गाड़ी सड़क पर दौड़ रही थी और पुलिस ने उसे रोक नहीं इसलिए SP को भी हटा दिया है।
गुना हादसे में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का बड़ा एक्शन
गुना बस एक्सीडेंट में कुल 13 लोगों की बस के अंदर जिंदा जल जाने के कारण मृत्यु हो गई। 16 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, अस्पताल में भर्ती हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल से गुना पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। घायलों के इलाज की व्यवस्था देखी और उसके बाद पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री तरूण राठी को गुना कलेक्टर, भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री विजय कुमार खत्री को गुना पुलिस अधीक्षक और श्री संजय कुमार झा को परिवहन विभाग के आयुक्त के पद से हटा दिया है। कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक को सौंपा गया है। RTO रवि बरेलिया को सस्पेंड कर दिया गया है। फायर ब्रिगेड देर से पहुंचने के कारण CMO (चीफ म्युनिसिपल ऑफिसर) बीडी कतरोलिया को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
सुखवीर सिंह आईएएस से परिवहन विभाग का प्रभार छीना
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। अब अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश राजौरा को अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। परिवहन विभाग में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण कुमार सिंह की सेवाएं भी सामान्य प्रशासन विभाग में वापस ले ली गई हैं। सिंह को उप सचिव, सामान्य प्रशासन (पूल) में पदस्थ किया गया है।
कटरा बस का मालिक, भाजपा नेता का भाई
मध्यप्रदेश के गुना में बुधवार को डंपर से टक्कर के बाद यात्री बस में आग लग गई थी। हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए थे। 11 शव बस के अंदर जबकि दो गेट के पास मिले थे। शवों की हालत ऐसी है कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। 16 लोग झुलस गए थे। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुना SP विजय कुमार खत्री ने बताया था कि बस में करीब 30 सवारियां थीं। बस के मालिक भानु प्रताप ठेकेदार हैं और भाजपा नेता विश्वनाथ सिकरवार के छोटे भाई हैं। विश्वनाथ भाजपा जिला उपाध्यक्ष रहे हैं।
शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे
हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके हुए थे। इनको बाहर निकालने में कर्मचारियों के हाथ कांप गए। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पा रहे हैं।
2008 में खरीदी गई बस खटारा हो चुकी थी
बस भानु प्रताप सिकरवार के नाम पर रजिस्टर्ड है। उसकी हालत खटारा थी। बस 2008 में खरीदी गई थी। आरटीओ के मुताबिक, इसका फिटनेस सर्टिफिकेट फरवरी 2022 तक ही वैलिड था।
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