Madhya Pradesh state information commission में चले एक ट्रायल के दौरान जबलपुर कला निकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज में फर्जी रिपोर्ट का खुलासा हो गया। जो अधिकारी Right to Information Act के तहत मांगी गई जानकारी को व्यापारिक गोपनीयता और तीसरा पक्ष के नाम पर देने से इनकार कर रहा था, उसी अधिकारी (सिविल डिपार्टमेंट हैड केके असाटी) के खिलाफ दो मामलों में ₹25000 का जुर्माना और अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश जारी हुए हैं।
ठेकेदार को बचाने के लिए जानकारी रोकी
आवेदक जे एस सेंगर ने जबलपुर के कला निकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज में, RTI - सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दो आवेदन प्रस्तुत करके कालेज के सिविल डिपार्टमेंट से जारी कुछ टेस्ट रिपोर्ट के नंबर देते हुए उनकी कॉपी मांगी थी। इसके अलावा टेस्टिंग रिपोर्ट का रजिस्टर और साथ में टेस्टिंग रिपोर्ट कालेज में कब से जारी नहीं हो रही थी उसकी जानकारी मांगी थी। जे एस सेंगर ने सितंबर 2022 में आवेदन प्रस्तुत किया था और सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 30 दिन के भीतर उन्हें जानकारी मिल जानी चाहिए थी परंतु 1 साल बीत जाने के बाद राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप के बाद जानकारी मिली।
अधिकारियों के आदेश के बाद भी जानकारी नहीं दी
कालेज के लोक सूचना अधिकारी ने दोनों RTI आवेदन को कॉलेज के सिविल डिपार्टमेंट के हैड केके असाटी के पास भेजते हुए जानकारी देने के लिए कहा। इसके बाद लोक सूचना अधिकारी ने दोबारा अनिवार्य रूप से जानकारी को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया, परंतु श्री असाटी ने व्यापारिक गोपनीयता और तीसरे पक्ष का आधार बनाते हुए जानकारी उपलब्ध कराने से मना कर दिया। बाद में पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य ने भी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए असाटी को कहा पर असाटी ने उनके आदेश को भी नजरअंदाज करते हुए जानकारी आवेदक को उपलब्ध नहीं कराई।
जानकारी रोकने वाले अधिकारी आयोग के सामने चुपचाप खड़े रहे
सूचना आयोग के आदेश के बाद आयोग के सामने कला निकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज जबलपुर के अधिकारी जानकारी लेकर हाजिर हुए तो मालूम पड़ा कि जिस टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी आवेदक द्वारा चाही गई थी वो टेस्ट रिपोर्ट पॉलिटेक्निक कॉलेज ने जारी ही नहीं किया था। इस पर सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जानकारी रोकने वाले अधिकारी सिविल डिपार्टमेंट के हैड असाटी से पूछा कि जब टेस्ट रिपोर्ट जारी ही नहीं हुई तो व्यापारिक गोपनीयता और तीसरे पक्ष का आधार बनाकर के जानकारी क्यों रोकी गई? इस बात का असाटी कोई जवाब नहीं दे पाए। सुनवाई के दौरान असाटी से यह भी पूछा गया कि जब उनके स्वयं के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी देने के आदेश जारी कर दिए तो भी उन्होंने जानकारी को क्यों रोका तो इस बात का भी असाटी आयोग के सामने कोई सही जवाब नहीं दे पाए।
जानकारी छुपाने नहीं बल्कि बतानी चाहिए
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में असाटी द्वारा जानकारी को रोकने की कार्रवाई को अवैध बताया। सिंह ने कहा कि सिविल डिपार्टमेंट में टेस्ट सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार की जाती है और इस तरह के रिपोर्ट की जानकारी RTI के तहत देने से कंस्ट्रक्शन कार्यों और उसके टेस्ट रिपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में पारदर्शी व्यवस्था बनेगी। सिंह ने कहा कि यहां पॉलिटेक्निक कॉलेज की भूमिका लोक प्राधिकारी के रूप में है और लोक प्राधिकारी का काम फर्जी टेस्ट रिपोर्ट या सरकार के द्वारा कंस्ट्रक्शन के मानकों का उल्लंघन करने वालों की जानकारी व्यापारिक गोपनीता या तीसरे पक्ष के आधार पर छुपाने का नहीं है बल्कि जनता के सामने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का है।
पॉलिटेक्निक जबलपुर वाले केके असाटी के खिलाफ कार्रवाई के अनुशंसा
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आयुक्त तकनीकी शिक्षा भोपाल को कलानिकेतन पॉलिटेक्निक कॉलेज जबलपुर के सिविल डिपार्टमेंट के हेड असाटी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। सिंह ने सभी जानकारी को आरटीआई आवेदक जय सेंगर को तत्काल निःशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए। साथ ही एक प्रकरण में असाटी के विरुद्ध ₹25000 जुर्माना का आदेश जारी किया वही दूसरे प्रकरण में सिंह ने उल्लंघन बार-बार करने पर असाटी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा आयुक्त संचनालय तकनीकी शिक्षा भोपाल को भेजी है।
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