मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे चल रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। इन चुनावी खबरों के बीच में राजधानी भोपाल में एक तरफ जस्ट दूसरी तरफ शोक और आक्रोश का माहौल है, क्योंकि आज भोपाल गैस कांड की बरसी है। लोगों को याद आ रहा है कि किस प्रकार भोपाल गैस कांड में जनता को मरता हुआ छोड़कर कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के राजनीतिक गुरु श्री अर्जुन सिंह अपने पूरे परिवार को लेकर भाग गए थे।
कई सालों बाद बोले गिरजाघर में प्रार्थना करने गया था
भोपाल में मुख्यमंत्री कार्यालय को रात में ही कंफर्म हो गया था कि यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनाइड की वजह से लोगों की मौत हो रही है। कई लोग सोते हुए तो कई लोग भागते हुए जमीन पर गिर कर मर रहे थे। इस सबके बीच में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह सरकारी विमान से अपने पूरे परिवार सहित भोपाल से इलाहाबाद चले गए। इसे लेकर श्री अर्जुन सिंह की लगातार निंदा होती रही। कई सालों बाद अर्जुन सिंह ने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि वे इलाहाबाद के उस सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल के गिरजाघर में प्रार्थना करने चले गए, जहां उन्होंने बचपन में पढ़ाई की थी। फिर उसी शाम लौट आए थे और अपनी मौजूदगी में 'ऑपरेशन फेथ' चलवाया था।
कांग्रेस हाई कमान ने हत्यारे वॉरेन एंडरसन को सरकारी विमान से दिल्ली बुलाया था
7 दिसंबर 1984 को मुख्य आरोपी यूनियन कार्बाइड के सीईओ वॉरेन एंडरसन को गिरफ्तार किया गया।गिरफ्तारी ऐसी कि तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और डीएम मोती सिंह मुख्य आरोपी को रिसीव करने पहुंचे। फिर एंबेसडर में बैठाकर यूनियन कार्बाइड के गेस्ट हाउस ले गए। यहां उसके ठहरने की व्यवस्था की गई। यह उसे जमाने का भोपाल का सबसे लग्जरी गेस्ट हाउस था। उन दिनों भोपाल में कोई फाइव स्टार होटल नहीं था।अगले ही दिन राज्य सरकार के विमान में बिठाकर एंडरसन को दिल्ली भेज दिया गया और वहां से वो अमेरिका चला गया। इसके बाद एंडरसन कभी भारत नहीं आया। यह सब अर्जुन सिंह के कार्यकाल में ही हुआ था। बाद में बताया गया कि गांधी परिवार की ओर से अर्जुन सिंह को निर्देशित किया गया था कि भोपाल गैस कांड के मुख्य अपराधी वॉरेन एंडरसन को न केवल सम्मानपूर्वक मुक्त किया जाए बल्कि सरकारी सुरक्षा के साथ दिल्ली भेजा जाए।
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