मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज काफी गुस्से में नजर आए। गुना में हुए बस एक्सीडेंट में अब तक 13 यात्रियों की जिंदा जल जाने के कारण मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले भोपाल में उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में किसी को नहीं छोडूंगा। जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस एक्सीडेंट में अब तक 13 यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है और 16 यात्री अस्पताल में भर्ती है।
गुना से आरोन के रास्ते में डंपर में बस में सीधी टक्कर मारी
हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन तरफ जा रही थी। तभी एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। फिलहाल बस में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। एसपी ने बताया कि बस में करीब 30 सवारियां थी। बस करीब 8 बजे गुना से आरोन के लिए निकली थी। करीब 8:30 बजे बस और डंपर में आमने सामने की भिड़ंत हुई। पुलिस अधीक्षक श्री विजय खत्री ने बताया कि कुल 12 यात्री जिंदा जल गए हैं। इनमें से 11 डेड बॉडी निकाली जा चुकी है। 14 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
बस का रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस कुछ भी नहीं था
हादसे का शिकार हुई बस भानु प्रताप सिकरवार के नाम पर रजिस्टर्ड है। बस का रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस खत्म हो गई थी। बस खटारा थी, इसके बावजूद नियमित रूप से यात्रियों को लेकर सड़क पर दौड़ रही थी। इस प्रकार की अवैध वाहनों के पास कोई लीगल डॉक्यूमेंट नहीं होता परंतु कहते हैं कि आरटीओ की पर्ची, हर लीगल डॉक्यूमेंट से ज्यादा मूल्यवान होती है। ऐसे अवैध वाहनों के खिलाफ पूरे मध्य प्रदेश में कहीं कोई कार्रवाई नहीं होती। परिवहन विभाग में व्याप्त रिश्वतखोरी के कारण गुना में 12 यात्री जिंदा जल गए। मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जाता है और जांच के आदेश दिए हैं परंतु जांच की निष्पक्षता के लिए किसी भी अधिकारी को निलंबित नहीं किया है।
आरटीओ के खिलाफ FIR दर्ज किए करने की मांग
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं गुना-शिवपुरी राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी श्री सुरेंद्र शर्मा ने इस एक्सीडेंट के लिए आरटीओ को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 ए के तहत गैर इरादतन हत्या का आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की है। उन्होंने गुना के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कहा कि, भविष्य में गुना जैसी बस दुर्घटनाएं न हों इस हेतु कठोर कार्यवाही हो। बिना फिटनेस के बस चालन के दौरान अगर कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर ,बस मालिक के साथ साथ परिवहन अधिकारी के खिलाफ भी 304 A का प्रकरण दर्ज किया जाये।
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