मप्र सरकार के मंत्री और इंदौर-1 के विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (महामंत्री) पद से गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे इस्तीफा दे दिया। ट्वीट कर लिखा- आज मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा से मिला। हमारी पार्टी के सिद्धांत 'एक व्यक्ति एक पद' के अनुसार मैंने महासचिव पद से उन्हें इस्तीफा सौंपा। दरअसल, मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने यह फैसला किया है। विभागों का आवंटन अभी नहीं हुआ है।
मोदी, नड्डा और शाह के नेतृत्व में काम करेंगे
विजयवर्गीय ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी का संकल्प वर्ष 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने। इस दिशा में मध्यप्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कार्य करेगें। मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा।
सरकार चलाने का 12 साल का अनुभव
कैलाश विजयवर्गीय 1990 से 2013 तक लगातार 6 बार विधायक चुने गए। 2023 में वह सातवीं बार विधायक बने हैं। विजयवर्गीय 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल होने के बाद विजयवर्गीय लगातार 12 साल तक मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
सरकार चाहे उमा भारती की हो या बाबूलाल गौर की या फिर शिवराज सिंह चौहान की विजयवर्गीय हर सरकार में मंत्री बनाए गए। 2003 में उमा भारती सरकार में उन्हें जन-कार्य, संसदीय मामले, शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग (केवल सिंहस्थ -कुम्भ संबंधी कार्य) का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
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