मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने सभी जिला कलेक्टर से सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के समय में परिवर्तन करने और छुट्टी घोषित करने के अधिकार छीन लिए है। इससे पहले तक स्थानीय परिस्थितियों के आधार कलेक्टर, स्कूलों का समय बदलने अथवा छुट्टी की घोषणा कर दिया करते थे।
कलेक्टर निर्देशों का पालन नहीं करते, मनमानी करते हैं
स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश में कहा है कि ठंडी और गर्मी के मौसम में अत्यधिक ठंड और अत्यधिक गर्मी होने पर विद्यालय समय में परिवर्तन की आवश्यकता होती है। इसको लेकर पूर्व में भी निर्देश जारी किए जाते रहे हैं कि कैसे इस तरह के मामलों में काम किया जाना है। इसके बाद भी प्रदेश के लगभग सभी जिलों के कलेक्टरों ने लोक शिक्षण आयुक्त और संचालक राज्य शिक्षा केंद्र की अनुमति लिए बगैर स्कूलों की टाइमिंग बदल दी है। इस साल दिसंबर के पहले हफ्ते के पूर्व ही अधिकांश जिलों में स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से कर दिया गया है।
कलेक्टरों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की गाइडलाइन
- मौसम के कारण स्कूलों में समय के परिवर्तन का निर्णय जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर अपने स्तर पर नहीं ले सकते। सबसे पहले विद्यालय के प्रतिनिधियों और अभिभावकों की मीटिंग बुलाई जाएगी। मीटिंग के फैसले से आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल एवं संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को अवगत कराया जाएगा और दोनों अधिकारियों की अनुमति के बाद समय परिवर्तन की घोषणा की जाएगी।
- स्कूलों का समय बदलने का आदेश एक दिन पहले जारी किया जाएगा। स्कूल संचालकों को समय परिवर्तन के आदेश का पालन कर रहे हेतु एक दिन का समय दिया जाएगा।
- शीत ऋतु में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम होने और गर्मी के मौसम में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने की संभावना पर प्री प्राइमरी से कक्षा 5 तक की छुट्टी की घोषणा कलेक्टर कर सकते हैं लेकिन इससे पहले कलेक्टर को संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से परामर्श करना होगा।
- किसी भी अन्य स्थिति के चलते यदि स्कूलों का समय बदलने की आवश्यकता पड़ती है तो कलेक्टर को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय एवं संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से अनुमति लेनी होगी।
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