मध्य प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों के स्थानांतरण (स्थल परिवर्तन) का आदेश उच्च शिक्षा विभाग सतपुड़ा भवन ने जारी कर दिया है। जिसके अनुसार नवीन नीति 5.10.2023 की कंडिका 8 के अनुपालन में कार्यरत अतिथि विद्वानों को ही ये सुविधा मिलेगी साथ ही अर्हताधारी एवं मध्य प्रदेश के मूल निवासी हों उन्ही को 22 दिसंबर से 25 दिसंबर तक अपना विकल्प प्रस्तुत करना है।
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा ने बताया कि, ऐसे अतिथि विद्वान जो अपने निवास स्थान से काफी दूर सेवाएं दे रहे हैं, इस आदेश के जारी होने से उन्हें कुछ राहत मिलेगी। सरकार अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय ले। अब देखने वाली बात है कि सूबे के नए मुखिया डॉ मोहन यादव अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं क्योंकि वो पहले उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं और अतिथि विद्वानों के हितैषी रहें हैं।
ट्रांसफर से अतिथि विद्वानों को सुविधा होगी, सबसे ज्यादा महिला अतिथि विद्वानों को लाभ होगा जो दूर दराज सेवा दे रही हैं। सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों से निवेदन है कि अतिथि विद्वानों को 50 हजार फिक्स वेतन एवं निरंतरता रिटायरमेंट उम्र तक सेवा जारी रखने का संशोधित आदेश जारी करें। जिसकी घोषणा डॉ मोहन यादव द्वारा की गई थी। पीएससी भर्ती किसी भी प्रकार अतिथि विद्वानों के हित में नहीं है। पहले से कार्यरत अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित कर नियमित करें उसके बाद अतिथि विद्वानों की नई भर्ती करें।
डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ
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