MP NEWS - धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर हटेंगे, महाकाल का ध्वज लाए मुख्यमंत्री का पहला आदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन सिंह यादव शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीधे उज्जैन पहुंचे। बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया और ध्वज लेकर वापस लौटे। मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार ग्रहण किया। इसी के साथ मध्य प्रदेश शासन की ओर से पहला आदेश जारी हुआ। धार्मिक स्थलों लाख की लाउडस्पीकर पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए। 

श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, उज्जैन

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन सिंह यादव ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार में जाने से पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा जाकर सोला धारण किया। यहां विनीत गिरि महाराज ने उन्हें 145 तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल और रुद्राक्ष की माला भगवान महाकाल के अभिषेक के लिए प्रदान कीं। गर्भगृह में पूजन के बाद मुख्यमंत्री वापस अखाड़ा पहुंचे। यहां उन्हें सीएम हाउस में लगाने के लिए भगवान महाकाल के शिखर की ध्वजा और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। रुद्राक्ष की माला पहनाई गई। यहां से सीधे भोपाल स्थिति मंत्रालय वल्लभ भवन, मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे और अपना पदभार ग्रहण किया। उल्लेखनीय है की शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री डॉ यादव ने राजधानी भोपाल के खटलापुरा स्थित हनुमान मंदिर में पूजन किया। 

मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाएंगे

मध्य प्रदेश मंत्रालय से प्रेस को जारी जानकारी में बताया गया है कि म.प्र. में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुकम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर / डी.जे.) आदि का उपयोग किया जा सकेगा।

लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये सभी जिलों में उडनदस्तों के गठन का निर्णय लिया गया है। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहाँ ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है का निरीक्षण कर सकेगें तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जाँच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें। 

धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जायेगा तथा ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जायेगी जहाँ उक्त नियमों / निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है तथा इसकी जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाकर दिनांक 31.12.2023 तक पालन प्रतिवेदन गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। 

ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउडस्पीकरों/डी.जे. आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगें।

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