मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती हेतु परीक्षा कराने के बाद मेरिट वाले उम्मीदवारों को ट्राइबल डिपार्टमेंट के स्कूलों में नियुक्ति दे देने के मामले में हाईकोर्ट ने नवनियुक्त शिक्षकों को, स्कूल शिक्षा में चॉइस फिलिंग का अवसर दिए जाने के आदेश दिए हैं। आज हाईकोर्ट ने इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं को लिंक कर दिया है।
अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि, शासन की शिक्षक नियुक्ति की नीति के अनुसार, व्यापम द्वारा संयुक्त पात्रता परीक्षा वर्ष 2018 में आयोजित की गई थी । पहले स्कूल शिक्षा में नियुक्ति हेतु रूल बुक जारी की गई। तत्पश्चात, अनुपूरक नियम द्वारा, स्कूल शिक्षा हेतु प्रस्तुत आवेदन, जनजातीय विभाग हेतु स्वतः मान लिए गए थे। पात्रता परीक्षा 2018 के अनुक्रम में ज्वाइंट चयन प्रक्रिया/काउंसिलिंग आयोजित नही की जाकर , ट्राइबल द्वारा, शिक्षक नियुक्ति हेतु पृथक काउंसिलिंग आयोजित की गई। मेरिट के आधार पर, नियुक्ति आदिवासी विकास के अधीन दी गई।
तत्पश्चात, स्कूल शिक्षा द्वारा भी काउंसलिंग आयोजित की गई। ट्राइबल में नियुक्त शिक्षकों को भी काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर, आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा दिया गया। लेकिन स्कूल चयन के समय, उन्हे आदिवासी विकास में पूर्व नियुक्ति के आधार पर, च्वाइस फिलिंग से वंचित कर दिया गया।
आदिवासी विकास विभाग में चयनित और नियुक्त शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति एवम चॉइस फिलिंग से वंचित या अपात्र किए जाने के विरूद्ध दुर्गेश्वरी सुलाखे एवम 500 अन्य उच्च माध्यमिक/माध्यमिक शिक्षकों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के विरूद्ध रिट याचिका दायर की थी। उसके पश्चात श्रृष्टि नाथ चौधरी एवम अन्य एवम दिनेश कुमार विद्या बिसेन एवम अन्य एवम गरिमा पुरोहित, भावना सोलंकी, अनुप्रिया बिलथरे ट्राइबल में नियुक्त, माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षको द्वारा, याचिका दायर कर, चयन प्रक्रिया के आधार पर, स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति की मांग की गई थी।
सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने शासन से जवाब तलब करते हुए, समान याचिकाकर्ता शिक्षकों को चॉइस फिलिंग में भाग दिए जाने का अंतरिम आदेश माह फरवरी/मार्च में पारित किया था परंतु, समान केस खारिज हो जाने के कारण, कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं हो सका था। सिंगल बेच द्वारा खारिज आदेश को, युगल पीठ/डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा द्वारा, शासन के पक्ष में किए गए आदेश को स्टे कर दिया गया था। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा, उच्च न्यायालय जबलपुर की सिंगल बेंच का ध्यान दिनांक 16/10/23 को डबल बेंच द्वारा पारित आदेश की ओर आकर्षित किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट द्वारा, डबल बेंच के आदेश के प्रकाश में पुनः अंतरिम आदेश जारी करते हुए, आयुक्त लोक शिक्षण को आदेश दिया गया था कि, ट्राइबल में नियुक्त एवम स्कूल शिक्षा में चयनित शिक्षकों को स्कूल शिक्षा की शालाओं में चॉइस फीलिंग का अवसर दिया जावे। साथ ही यह आदेश दिया था की कोर्ट की अनुमति के बिना परिणाम घोषित नही किए जावे। कोर्ट का आदेश सिर्फ याचिकाकर्ताओं के लिए है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 21/12/23 को, कोर्ट का ध्यान आदेश दिनांक 11/12/23 की ओर आकर्षित किया गया। श्रृष्टि नाथ चौधरी एवम अन्य एवम दिनेश कुमार विद्या बिसेन एवम अन्य एवम गरिमा पुरोहित, भावना सोलंकी, अनुप्रिया बिलथरे ट्राइबल में नियुक्त, माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षको द्वारा, याचिका दायर याचिका में पूर्व जैसा आदेश पारित कर कहा गया है कि कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन जनवरी में पहले सप्ताह के पूर्व कर लिए जावे। अन्यथा, कोर्ट इसे गंभीरता से लेते हुए, आयुक्त के विरुद्ध कंटेम्प्ट की कार्यवाही पर विचार करेगा। सभी याचिकाओं को लिंक करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
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