मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता श्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल वापस लौट आए हैं। विधानसभा चुनाव में शर्मनाक शिकस्त के बाद हाई कमान ने उन्हें दिल्ली तलब किया था, इस्तीफा भी मांग लिया था परंतु हमेशा की तरह अंत में हाई कमान ने कमलनाथ के सामने सरेंडर कर दिया। एक बार फिर लोकसभा चुनाव के लिए श्री कमलनाथ को फ्री हैंड दे दिया गया है।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा
रविवार को दिल्ली से भोपाल लौट श्री कमलनाथ ने अपने बंगले पर कई कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की। श्री कमलनाथ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, मध्य प्रदेश में लोकसभा का चुनाव श्री कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। दिल्ली की बैठक में हाई कमान को यह मानना पड़ा कि, मध्य प्रदेश में श्री कमलनाथ का कोई विकल्प नहीं है और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए श्री कमलनाथ का मध्य प्रदेश में सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। फिलहाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पास सिर्फ एक छिंदवाड़ा सीट है। लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि 29 में से कम से कम 20 सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी, और यह तभी संभव है जब श्री कमलनाथ, कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष भी कमलनाथ की पसंद का होगा
बैठक में यह भी स्वीकार किया गया की श्री कमलनाथ मध्य प्रदेश में अपने अभियान में सफल हो गए थे। मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की लहर चल रही थी। अंतिम समय में अचानक क्या हुआ, इसका पता लगाने के लिए कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों और चुनाव में हारे प्रत्याशियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आ जाने के बाद स्पष्ट तौर पर कहा जा सकेगा कि, चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण क्या है। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि, विधायक दल की बैठक में दिल्ली से पर्यवेक्षक आएंगे परंतु अंतिम फैसला वही होगा जो कमलनाथ चाहेंगे।
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