हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश की ग्वालियर बेंच के विद्वान न्यायाधीश श्री मिलिंद फड़के ने एक अतिथि विद्वान द्वारा प्रस्तुत की गई याचिका पर सभी पक्षों की सुनवाई के बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई पूरी लिस्ट निरस्त कर दी है। आदेश दिया है कि, रिक्त पदों के विरुद्ध अनुभवी अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की जाए और पहले से कार्यरत अतिथि विद्वान को हटाकर नए अतिथि विद्वान की नियुक्ति नहीं की जाए।
अधिवक्ता श्री गौरव समाधिया ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद एक लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में पिछले सत्र में कार्यरत अतिथि विद्वानों में से, कई अतिथि विद्वानों के नाम नहीं थे। जबकि मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार (सर्कुलर दिनांक 17 दिसंबर 2019) रिक्त पद पर अनुभवी अतिथि विद्वान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। शासन स्तर पर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जब तक, नियमित प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति निरस्त नहीं की जाए। इसके बावजूद वर्तमान में कार्यरत अतिथि शिक्षक को बिना किसी कारण के हटाकर उसके स्थान पर नए अतिथि शिक्षक की नियुक्ति कर दी गई।
माननीय उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता श्री गौरव समाधिया के तर्कों से सहमत होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 3 नवंबर 2022 को जारी की गई सूची को निरस्त कर दिया एवं आदेश दिया है की याचिकाकर्ता अतिथि विद्वान श्री राकेश सिंह जाटव को रिक्त पद के विरुद्ध नियुक्ति दी जाए और यदि कोई पद फिलहाल रिक्त नहीं है तो आगामी शिक्षा सत्र में नियुक्ति दी जाए।
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।