मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट आदेश दिए हैं कि, पटवारी को अपनी नियुक्ति वाले गांव में निवास करना होगा। यदि किसी ग्रामीण ने शिकायत की की पटवारी, शहर से अप डाउन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। सीएम हेल्पलाइन में इस प्रकार की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व विभाग में किसी आम आदमी को परेशानी नहीं होनी चाहिए, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राजस्व विभाग की सेवाएं सीधे आम आदमी को प्रभावित करती हैं। जब समय पर काम नहीं होता है तो वे परेशान होते हैं। यह स्थिति नहीं बननी चाहिए। नामांतरण, सीमांकन या बंटवारे के मामलों का निराकरण तत्काल होना चाहिए। इसके लिए मैदानी अमले की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए। सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। लंबित प्रकरणों का निराकरण शिविर लगाकर और अभियान चलाकर करें। जहां आवश्यक हो, पुलिस बल का सहयोग लेकर भी राजस्व से जुड़े मामलों का निराकरण कराया जाए।
राजस्व विभाग के लिए मुख्यमंत्री की गाइडलाइन
* पारदर्शिता से कार्यों का संपादन हो।
* प्रशासन में आईटी का अधिकतम प्रयोग किया जाए।
* शिविर लगाकर नागरिकों की समस्याएं हल करें।
* ऑन-द-स्पॉट समाधान की कार्रवाई हो।
* पटवारी अपने मुख्यालय ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम करें।
* राजस्व कर्मचारियों की जवाबदेही तय करें।
* विभागीय स्तर पर दिखाई देने वाली कमियां दूर करें।
* नागरिक परेशान न हों, लापरवाही पर सख्त कार्यवाही करें।
* लंबित कार्यों की सतत् समीक्षा करें।
* अभियान संचालित कर समस्याओं का निराकरण करें।
* जहां आवश्यक हो, पुलिस बल का सहयोग लेकर नागरिकों की राजस्व दिक्कतें हल करें।
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