मध्यप्रदेश के मंदसौर में 18 साल पुराने 87 करोड़ रुपए से ज्यादा के राशन घोटाले में भाजपा नेता राजेंद्र सिंह गौतम और इनकी पत्नी योगेश देवी को जेल की सजा सुनाई गई। सोमवार को किशोर कुमार गेहलोत की विशेष कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में 4 पुरुष और 7 महिला आरोपियों को दोषी करार दिया है।
राशन घोटाला 2002 में सामने आया था। जांच के बाद 2005 में मामला कोर्ट में पहुंचा। जिसमें सोमवार को सुनवाई हुई। करीब 18 साल कोर्ट में सुनवाई के दौरान 252 पेशी हुई। इन सभी पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को बांटे जाने वाली खाद्य सामग्री गेहूं आदि को खुले बाजार में बेचने का दोषी पाया गया। कोर्ट ने 4 पुरुष आरोपियों को 5-5 साल और 7 महिला आरोपियों को 4-4 साल जेल की सजा सुनाई। हर आरोपी पर 4 लाख 61 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में कुल 16 आरोपी थे। इनमें पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है।
कोर्ट ने इनको अपराधी घोषित कर सजा सुनाई
- राजेन्द्र सिंह गौतम (68) भाजपा नेता,
- मेहमूद पिता इब्राहिम मंसूरी (66),
- रामचंद्र दरक (65),
- नजमा पति लियाकत हुसैन (52),
- शीला देवी शर्मा (62),
- रमादेवी राठौर (50),
- राखी राठौड़ (48),
- मालती देवी सोनी (64),
- योगेश देवी गौतम (66) भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह गौतम की पत्नी,
- हेमा पति हेमंत कुमार हिंगड (57),
- हेमंत पिता मिश्रीलाल हिंगड (60)।
कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में भाजपा नेता ने घोटाला किया
राशन घोटाले के मुख्य आरोपी राजेंद्र सिंह गौतम और इनकी पत्नी योगेश देवी है। गौतम और उनकी पत्नी उस समय जिला सहाकरी उपभोक्ता भंडार के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ कांग्रेस नेता थे। वर्तमान में राजेंद्र गौतम भाजपा नेता और जिला सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष है। वहीं महमूद मंसूरी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार के पद पर पदस्थ थे।
सरकारी गेहूं को VIP ब्रांड का लेबल लगाकर बेचते थे
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा ने बताया कि 24 जुलाई 2002 को थाना प्रभारी अनिल सिंह राठौर को मुखबिर से सूचना मिली थी। उसने बताया था कि सहकारी बाजार मंदसौर का कर्मचारी रामचंद्र दरक सिविल आपूर्ति निगम से शासकीय गेहूं को ट्रक में भरकर शांतनु कॉम्पलेक्स में वीरेंद्र जैन के क्लीनिंग मिल में जेठानंद सिंधी को बेच रहा है। वो सरकारी गेहूं के 50-50 किलो के कट्टों में VIP ब्रांड लगाकर अवैध लाभ कमा रहा है। इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौके पर जेठानंद सिंधी और मुश्ताक को पकड़ा। पुलिस ने गेहूं से भरे ट्रक को जब्त कर केस दर्ज किया था।
जांच में षड्यंत्र का हुआ खुलासा
पुलिस ने जांच के दौरान पाया था कि भाजपा नेता राजेंद्र सिंह गौतम, उनकी पत्नी समेत सभी आरोपियों ने गरीबों को बांटे जाने वाले राशन को गरीब लोगों का नहीं बांटा। इन लोगों ने राशन को खुले बाजार में मर्चेंट जेठानंद सिंधी को बेच दिया। इसके लिए आरोपी भारतीय खाद्य निगम का मार्का लगी बोरियों को पलटकर उन पर वीआईपी और अन्य ब्रांड का लेबल लगाते थे।
आरोपियों ने साजिश के तहत 87 करोड़ 83 लाख 92 हजार 28 रुपए की आर्थिक अनियमितता की। सरकारी गेहूं को खुले बाजार में बेचकर 35 लाख 83 हजार 596 रुपए का गबन किया और लोकसेवा पद का दुरुपयोग कर शासन को करोड़ों रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाते हुए भ्रष्टाचार किया।
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