मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कांग्रेस पार्टी के नेता श्री केपी सिंह को राजनीति का पहलवान कहा जाता था जिसे कोई परास्त नहीं कर सकता। इसके बावजूद उनके विरोधी पूरी ताकत से उनके खिलाफ काम कर रहे थे। पिछोर के एक वृद्ध, सन 2008 से केपी सिंह के खिलाफ प्रचार करते थे। उन्होंने प्रण लिया था। श्री सिंह के चुनाव हार जाने पर, प्रण पूरा हुआ, और मान्यता के अनुसार उन्होंने अपने केशदान करके श्री केपी सिंह की हार का जश्न मनाया।
सन 2008 में केपी सिंह ने चांटा मार दिया था
गोविंद ने बताया कि सन 2008 में मेरे भाई का एक्सीडेंट हुआ था, सरकारी दस्तावेजों में पत्नी का नाम लिखा गया लेकिन माता जी का नाम नहीं लिखा गया। श्री केपी सिंह उसे समय विधायक थे। मैं आवेदन लेकर उनसे निवेदन करने के लिए गया कि वह सरकारी अधिकारियों से दस्तावेजों में मां का नाम जोड़ने के लिए कह दें। उन्होंने मुझे मेरा नाम और गांव का नाम पूछा। इसके बाद मेरा आवेदन फाड़ कर फेंक दिया और मेरे गाल पर चांटा मार दिया। मैं उसी दिन प्रण ले लिया था।
15 साल तक केपी सिंह के खिलाफ काम किया
गोविंद ने बताया कि उसी दिन से मैं केपी सिंह के खिलाफ प्रचार कर रहा हूं। 2023 के चुनाव में केपी सिंह, अपनी हार के डर से पिछोर विधानसभा सीट छोड़कर शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ने चले गए। मैं शिवपुरी विधानसभा में जाकर लोधी समाज के लोगों से बातचीत की। उन्हें केपी सिंह के बारे में बताया और केपी सिंह के खिलाफ शिवपुरी में प्रचार किया। अब जबकि केपी सिंह चुनाव हार गए हैं। मैं अपने प्रण के अनुसार मुंडन करवा रहा हूं।
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