राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में लगातार 2 दिन तक उपद्रव चला रहा। भेल ग्रुप और एंटी भेल ग्रुप के लड़कों के बीच जमकर मारपीट हुई। 10 से ज्यादा स्टूडेंट्स घायल हुए हैं। यूनिवर्सिटी का मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी कैंपस में अनुशासन स्थापित करने में पूरी तरह से असफल साबित हुआ। गांधीनगर पुलिस थाने में 7 विद्यार्थियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा रैगिंग की शिकायत भी हुई है। उपद्रव और रैगिंग के मामले में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने 20 विद्यार्थियों को नोटिस जारी किया है। मैनेजमेंट ने पत्रकारों को विद्यार्थियों के नाम बताएं हैं जिनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया।
RGPV BHOPAL में रैगिंग और उपद्रव के आरोपी
- आर्दश सिंह चन्द्राकर
- आदित्य राय
- आदित्य जायसवाल
- आशीष
- हिमांशु तिवारी
- राजवीर सिंह
- युवराज वर्मा
- गौरव मिश्रा
- मोहम्मद नियाज आलम
- रिमन सिंह तोमर
- विशाल सिंह ठाकुर
- उज्जवल प्रताप सिंह
- उत्पागोस्वामी ओम
- अक्षत जैन
- मृदुल जायसवाल
- गौरव माकोडे
- मोहम्मद समीर
- आर्यन सिंह
- नितिन भदौरिया
- गौरव विश्वकर्मा
मैनेजमेंट को नोटिस कौन देगा
यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने नोटिस में सभी विद्यार्थियों को 27 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे उपस्थित होकर एंटी रैगिंग कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। यदि कोई विद्यार्थी उपस्थित नहीं होता है तो उसके खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। यहां तक तो सब कुछ ठीक है लेकिन लगातार 48 घंटे तक यूनिवर्सिटी में उपद्रव होता रहा, विद्यार्थियों के बीच मारपीट चलती रही और मैनेजमेंट अनुशासन की स्थापना में असफल साबित हुआ। अब मैनेजमेंट को नोटिस कौन देगा। मैनेजमेंट से भी पूछताछ होनी चाहिए। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह सब कुछ एक दिन में किसी विषय पर भड़की हुई हिंसा नहीं थी, बल्कि लंबे समय से विद्यार्थियों के दो समूहों के बीच में संघर्ष चलता आ रहा है। जो मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी कैंपस में रैगिंग और हिंसा को रोकने में असफल हुआ है, उसे बदल दिया जाना चाहिए।
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