मायोकार्डाइटिस से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, सही एग्जामिनेशन नहीं होने के कारण डॉक्टर इसे हार्ट अटैक बताते हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में टीआईटी कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई कर रहे एक स्टूडेंट की अचानक मृत्यु हो गई। वह रीवा से भोपाल पढ़ने के लिए आया था।
रीवा के एमबीए स्टूडेंट विवेक सोनी की मृत्यु, घटना का विवरण
भोपाल के TIT कॉलेज (टेक्नोक्रेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से MBA की पढ़ाई कर रहे हैं विवेक सोनी के दोस्तों ने बताया, सोमवार रात हम चार दोस्त फ्लैट में साथ थे। हम पढ़ाई शुरू करने ही वाले थे, तभी विवेक ने कहा- पहले खाना खाएंगे, फिर पढ़ेंगे। रात करीब 8 बजे होंगे। विवेक किचन में चला गया। वह सब्जी बनाते हुए हमसे बात कर रहा था। तभी अचानक गिर गया। उसका हाथ सीने पर था। कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। हम तुरंत उसे गायत्री हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर्स ने बताया कि उसकी मौत हो गई है।
हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी, डॉक्टर ने कहा
डॉ. जीआर अडलक, गायत्री हॉस्पिटल के डायरेक्टर का कहना है कि, सोमवार रात छात्र विवेक सोनी को उसके दोस्त हॉस्पिटल लाए थे। हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने सीने में दर्द होने की जानकारी दी थी। संभवत: उसे हार्ट अटैक आया था। असामान्य मृत्यु के कारण पुलिस को सूचना दी गई। पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी गई।
कार्डियक अरेस्ट नहीं मायोकार्डाइटिस
इस तरह की मृत्यु के मामले में ज्यादातर डॉक्टर कार्डियक अरेस्ट यानी हार्ट अटैक बताते हैं परंतु कुछ मरीजों का पोस्टमार्टम किया गया और उसके बाद पता चला कि, यह हार्ट अटैक नहीं बल्कि मायोकार्डाइटिस है। लक्षण हृदयघात जैसे होते हैं परंतु इसमें हार्ट फेल हो जाता है। इसीलिए डॉक्टर कोशिश करने के बाद भी बचा नहीं पाते। दिल्ली के प्रतिष्ठित कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एडी भटनागर के मुताबिक मायोकार्डाइटिस या मायोकार्डियम हार्ट की मांसपेशियों की सूजन की स्थिति है। सूजन के परिणाम स्वरूप हार्ट के खून को पंप करने की क्षमता को नुकसान हो सकता है। सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और तेज या अनियमित दिल की धड़कन, ये सभी मायोकार्डाइटिस (अतालता) के लक्षण हैं। आमतौर पर इस तरह के लक्षणों को हृदय घाट के लक्षण माना जाता है।
मायोकार्डाइटिस का कारण - myocardium in hindi
MYOCARDIUM Means Muscle Layer of Heart वायरस के संक्रमण के कारण हो सकता है और यह दवा की प्रतिक्रिया (किसी दवाई का रिएक्शन) या सामान्य सूजन संबंधी बीमारी के कारण भी हो सकता है। गंभीर मायोकार्डाइटिस हार्ट को कमजोर कर देता है जिससे शरीर के बाकी हिस्सों में अपर्याप्त रक्त प्रवाह होता है। दिल में थक्के के कारण स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है।
मायोकार्डाइटिस से बचाव के उपाय
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सरिता राव ने बताया कि मायोकार्डाइटिस हार्ट अटैक नहीं है। चिकित्सकीय भाषा में कहें तो यह इनफ्लेमेशन ऑफ मायोकार्डियम है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। सामान्य बुखार में भी कई बार वायरस हार्ट पर अटैक कर देता है। जिससे हार्ट की पंपिंग कमजोर हो जाती है और हार्ट फेल हो जाता है। यह वायरल इंफेक्शन होता है, लेकिन यह रिवर्सेबल भी हो जाता है।
बुखार के बाद सांस फूलने लगे तो एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं
जब बीमारी एक्यूट फेज निकल जाता है तो मरीज में सुधार आ जाता है। मायोकार्डाइटिस, हार्ट अटैक से अलग होती है। यह हार्ट की मसल्स को प्रभाव करती है। जब भी वायरल बुखार के बाद सांस तेज फूलने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। सामान्य रूप से बुखार में कभी सांस नहीं फूलती लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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