मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अस्पताल, जहां मध्य प्रदेश के ज्यादातर VIP इलाज करवाने के लिए जाते हैं, जो सभी सरकारी योजनाओं के लिए अधिकृत है, मरीज के इलाज में MALPRACTICE का दोषी पाया गया है। एक महिला जिसकी रीड की हड्डी का ऑपरेशन होना था, चार लाख रूपए लेकर उसके कूल्हे बदल दिए। महिला गर्भवती थी। उसके गर्भ में शिशु की मृत्यु हो गई। बीमारी भी ठीक नहीं हुई। Madhya Pradesh State Consumer Disputes Redressal Commission द्वारा अस्पताल पर 10 लाख रुपए का हर्जाना लगाया गया है।
निखत जहां विरुद्ध बंसल अस्पताल भोपाल
बंसल अस्पताल भोपाल के विरुद्ध मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपील प्रस्तुत करने वाली महिला का नाम निखत जहां, उम्र 35 वर्ष है। उन्होंने अपनी याचिका में बताया कि सन 2014 में उन्हें पीठ में दर्द होता था, पैदल चलने में परेशानी होती थी। बेहतर इलाज के लिए वह बंसल अस्पताल गई। डॉक्टर ने MRI सहित कई टेस्ट किए और बताया कि एक कुल्हा खराब हो गया है, उसे बदल देंगे तो बीमारी ठीक हो जाएगी। डॉक्टर के परामर्श पर महिला अपना कुल्हा बदलवाने के लिए तैयार हो गई।
पहले कहा एक कुल्हा खराब है, फिर बोले दोनों बदलने पड़ेंगे
बाद में डॉक्टरों ने कहा कि, कुछ समय बाद दूसरा कुल्हा भी बदलना पड़ेगा। इसलिए बेहतर है कि अभी दोनों कूल्हे बदल दिए जाएं। परेशानी भी नहीं होगी और दूसरी बार ऑपरेशन का खर्चा भी बच जाएगा। इस समय महिला गर्भवती थी। वह किसी भी प्रकार से अपना सबसे अच्छा इलाज चाहती थी ताकि शिशु के जन्म के समय कोई परेशानी ना हो। महिला ने हां कर दिया। अस्पताल ने चार लाख रुपए जमा करवाए और दोनों कूल्हे बदल दिए।
दूसरे डॉक्टर ने बताया, रीढ़ की हड्डी का आपरेशन करना था
बंसल हॉस्पिटल भोपाल में ऑपरेशन होने के बाद भी दर्द में कोई आराम नहीं हुआ। उल्टा इस ऑपरेशन के कारण गर्भस्थ शिशु का विकास नहीं हो पाया और गर्भपात हो गया। जब वह इलाज करने के लिए दूसरे डॉक्टर के पास गई तो पता चला कि उन्हें स्पान्डिलाइटिस की बीमारी है, जिससे रीढ़ की हड्डी का आपरेशन करना होता है। कुल्हा बदलने की कोई जरूरत नहीं थी।
बंसल हॉस्पिटल डायरेक्टर अनिल बंसल और आर्थोपेडिक सर्जन डा. आर पी सिंह
महिला ने बंसल अस्पताल के मुख्य प्रबंध निदेशक अनिल बंसल और आर्थोपेडिक सर्जन डा. आर पी सिंह के खिलाफ 2016 में जिला उपभोक्ता आयोग में याचिका लगाई। जिला आयोग ने अस्पताल के पक्ष में निर्णय सुनाया। इससे असंतुष्ट होकर मरीज ने 2017 में मध्य प्रदेश स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन में अपील की। इस पर आयोग के अध्यक्ष एके तिवारी व सदस्य डा. श्रीकांत पांडेय ने बुधवार को अस्पताल को 10 लाख रुपये इलाज सहित मानसिक क्षतिपूर्ति राशि, 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया। इसके अलावा 20 हजार रुपये, वाद व्यय के लिए अलग से अदा करने के लिए कहा है।
डीआर आरपी सिंह ने मरीज पर टोटल हिप रिप्लेसमेंट के लिए दबाव डाला
दूसरे निजी अस्पताल के डाक्टरों ने पूरी रिपोर्ट देखने के बाद आयोग में बताया कि मरीज को करीब चार माह का गर्भ था। उसे गर्भपात कराना पड़ा। आयोग ने अस्पताल के डाक्टरों को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि मरीज को अनकहा दर्द, भावनात्मक तनाव, शारीरिक परेशानी आदि का सामना करना पड़ा, अपने अजन्मे बच्चे को खोने का दर्द, सदमा और अनावश्यक खर्च बंसल अस्पताल में महंगे इलाज के लिए लगभग 10 लाख रुपये और बाद में घर पर फिजियोथेरेपिस्ट उपचार के लिए बुलाए, बंसल अस्पताल के डा. आरपी सिंह ने मरीज पर टोटल हिप रिप्लेसमेंट के लिए दबाव डाला, जबकि दूसरे अस्पताल के डाक्टरों ने इसकी कोई आवश्यकता नहीं बताई, क्योंकि वे पीठ की समस्या से पीड़ित थीं।
डॉक्टर आरपी सिंह सेवा में कमी के दोषी
आयोग ने अस्पताल के डाक्टरों को सेवा में कमी का दोषी ठहराया और हर्जाना लगाया। इतने आपरेशन के बाद भी मरीज स्वस्थ नहीं हुईं। उन्होंने अस्पताल के खिलाफ शिकायत की। राज्य उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया।
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