मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भारत की राजधानी दिल्ली के लिए चलने वाली प्रशासनिक ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस खटारा हो गई है। सफाई का स्तर इस बात से पता चल सकता है कि, शताब्दी एक्सप्रेस के चूहे इतने ताकतवर हो गए हैं कि, एसी पैनल के अंदर घुस गए और वायर काट दिया। शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। वह तो शुक्र है कि स्मोक अलार्म नया था इसलिए बज गया, अन्यथा 66 यात्रियों की जान खतरे में थी।
टीटीई मनीष दुबे की सक्रियता से हादसा टला
राजधानी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस रविवार को करीब सवा घंटे की देरी से री-शेड्यूल होकर रवाना की गई। उसी दौरान सी-7 कोच के एसी पैनल में शॉर्ट सर्किट से धुआं निकलने लगा। इसमें 66 यात्री सवार थे। धुआं बढ़ते ही ट्रेन का स्मोक अलार्म बजने लगा। ट्रेन के टीटीई मनीष दुबे ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी और रेलवे कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी। दुबे ने ट्रेन में मौजूद एसी मैकेनिक को बुलवाया। मैकेनिक ने पैनल खोला तो पता चला कि केबल के तार कटे हुए थे और तीन मरे हुए चूहे भी पड़े थे।
यदि गाड़ी 100 की स्पीड से दौड़ रही होती तो...
मैकेनिक ने केबल को ठीक कर चूहों को वहां से हटा दिया। करीब 45 मिनट का समय इस प्रक्रिया में लगा। इसके बाद ट्रेन को फिर से रवाना किया जा सका। इधर, सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने शताब्दी के झांसी रेल मंडल को टीटीई मनीष दुबे को पुरस्कृत करने के लिए मेमो भेजने की बात कही है। एसी कोचों के पूरी तरह बंद रहने के कारण आगजनी की छोटी घटना होने पर भी वह भयावह रूप ले लेती है। यदि स्मोक अलार्म सिस्टम काम नहीं करता तो मामूली धुआं बड़ी आग में तब्दील हो सकता था।
AC के पैनल में चूहे कैसे घुसे
यहां सबसे बड़ा सवाल मेंटेनेंस का है AC का पैनल कुछ इस तरह से बंद किया जाता है कि उसमें चूहा ना घुस पाएं, लेकिन शताब्दी एक्सप्रेस के AC के पैनल में एक से अधिक चूहा मरे हुए मिले हैं। स्पष्ट है कि मेंटेनेंस का काम ठीक तरीके से नहीं चल रहा है और घटिया मेंटेनेंस के कारण शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों की जान को खतरा है।
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