मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डॉग बाइट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हर रोज औसत 50 से ज्यादा लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। दो बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि डॉग बाइट का शिकार होने वाले 50% से अधिक बच्चे हैं। ऐसी स्थिति में भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय का कहना है कि, वह कुत्तों को बच्चों से दूर नहीं कर सकती। बच्चों को कुत्तों से बचकर चलना सीखना होगा।
डॉग बाइट मामले में भोपाल नगर निगम की एडवाइजरी
- बच्चों को समझाईश दें कि आवारा कुत्तों से दूरी बनाकर चलें।
- ऐसी मादा श्वान जिसके पास उनके बच्चे हों उनसे भी दूरी बनाकर रखें अन्यथा असुरक्षित महसूस होने पर वह काट सकती है।
- अनावश्यक कुत्तों से छेड़छाड़ न करें, उनके ऊपर पत्थर न मारें अथवा उन्हें परेशान न करें।
- तीव्र ध्वनि के पटाखो का इस्तेमाल न करें अन्यथा उनमे उग्र व्यवहार प्रदर्शित होता है।
- आवारा कुत्ता आपके शेड अथवा कार के नीचे बैठा है तो वह खुद को ठंड से बचाने के लिए बैठा है, उसे अनावश्यक भगाएं नहीं।
- निःशुल्क एंटीरेबिज टीका उपलब्ध है, पशु प्रेमी कुत्तों को लगवा सकते हैं।
डॉग बाइट की इतनी ज्यादा घटनाएं सिर्फ भोपाल में ही क्यों
महापौर की एडवाइजरी, इससे पूर्व जारी की गई कलेक्टर की एडवाइजरी की कॉपी पेस्ट है। कलेक्टर की एडवाइजरी में जानवरों के डॉक्टर ने बताया था कि कुत्ते ठंड के मौसम में क्यों काटते हैं और कुत्तों से बचने के लिए क्या करना चाहिए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि, मध्य प्रदेश के कई जिलों में भोपाल से ज्यादा ठंड पड़ रही है। इसके बावजूद राजधानी भोपाल में ही डॉग बाइट की इतनी ज्यादा घटनाएं क्यों हो रही है। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
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