भारत में घूमने के लिए कई स्थान हैं, पर सिक्किम का गंगटोक अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान है। जैसे - हरे-भरे गगनचुम्बी पहाड़, उन पर बने लोगों के घर, छोटे-छोटे सीढ़ीदार खेत, मुस्कुराते हुए चेहरे, जगह-जगह झरते झरने, ऊंचे-ऊंचे पेड़, अठखेलियां खेलते बादल, बुद्धिस्ट टेंपल। रात में शहर ऐसे दिखता है मानो आसमान नीचे उतरा हो जिसमें घरों की रौशनी, काली रात में टिमटिमाते तारों की तरह जगमगाती है। कई बार बादल नीचे टकराते हैं और आप पहाड़ों के ऊपर आनंद उठाते हैं। कभी-कभी बादल आपको स्पर्श करते तो कभी दुलार कर भिगो देते हैं।
गंगटोक कैसे जाएं
यहां हवाई मार्ग, रेल और सड़क तीनों से जाया जा सकता है। हवाई मार्ग से जाने के लिए बागडोगरा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है एवं रेल मार्ग से जाने पर न्यू जलपाईगुड़ी या सिलीगुड़ी नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
फिर यहां से सड़क द्वारा भी जाया जा सकता है। न्यू जलपाईगुड़ी से गंगटोक की दूरी लगभग 125 किलोमीटर है जिसे तय करने के लिए कैब बुक किया जा सकता है एवं सिक्किम टूरिज्म की बस सुबिधा भी उपलब्ध है। कार द्वारा लगभग 4 घंटे का समय लगता है और बस द्वारा 5 से 6 घंटे का समय। बस की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी है।
जैसे ही आप सिलीगुड़ी से निकलेंगे घने जंगलों के बीच सकरी सड़क, तीस्ता नदी के किनारे जाते हुए, छोटी- बड़ी गाड़ियों की रफ्तार आपको डरा भी सकती है, तीस्ता नदी के किनारे चलने और उस पर बने बाना बांध को आप देख सकते हैं। बीच-बीच में सड़क के किनारे पहाड़़ से गिरते झरने मन मोह लेते हैं। इस रोमांच और डरावने सड़क परिवहन से जाने का अपना आनंद है। अनजान गाड़ी चालक की अपेक्षा रोजाना के ड्राइवर आपको सकुशल पहुंचा देंगे।
बीच में खाने और नाश्ते के लिए छोटे-छोटे मांसाहारी ढाबे मिलेंगे, शाकाहारी बहुत कम मिलेंगे।
कार का भाड़ा लगभग 3500 से 4000 रुपए तक लगता है। सिक्कम नेशनल ट्रांसपोर्ट की बसें सिलीगुड़ी से सुबह 5:00 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक ही जाती हैं। बस का किराया 300 से 500 रुपए प्रति व्यक्ति तक है। वह एसी और नॉन एसी पर निर्भर करता है। सिक्किम राज्य में निजी बसें आपको नहीं मिलेंगी। सिक्किम टूरिज्म की बसों में अधिक सवारियां भरना और खड़े होकर यात्रा करने का कल्चर नहीं है।
गंगटोक पर्यटक स्थल पर कहां ठहरें, होटल-धर्मशाला
गंगटोक में आपको साधारण से लेकर लग्जरी होटल तक मिल जाएंगे जो 1000/- से लेकर 10000/- रुपये प्रति रात तक लेते हैं। जिसे आप अपने बजट के हिसाब तय कर सकते हैं।
गंगटोक में कहां घूमें
यहां पर बहुत से स्थान देखने लायक हैं ,जैसे - वाटरफॉल, तासी व्यू प्वाइंट, हनुमान टेंपल, जिपलाइनिंग, रोपवे, भूत बंगला, गणेश टॉक, फ्लावर शो, बुद्धिस्ट टेंपल, जूलोजीकल पार्क आदि। शाम को घूमने के लिए मशहूर एमजी मार्ग यानि महात्मागांधी मार्ग।
गंगटोक पर्यटन के लिए जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है
सबसे अच्छा घूमने का समय अक्टूबर से जून तक रहता है। इस मौसम में पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। नाथुला पास सिक्किम आने वाले पर्यटकों के लिए नाथुला दर्रा एक आकर्षण का केंद्र है। सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है जो शहर से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4310 मीटर है। जो भारत को तिब्बत से जोड़ता है। यहां जाने के लिए टूरिज्म विभाग से अनुमति लेना पड़ता है। यहां पर विदेशी पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है।
आने-जाने और घूमने के लिए कम से कम एक दिन लगता है। जहां पर आपको भारत-चीन सीमा, बाबा हरभजन सिंह मंदिर देखने को मिलेगा।
पहाड़ों की अधिक ऊंचाई होने के कारण वहां पर आक्सीजन की कमी हो सकती है। सफेद बर्फ की चादर पहाड़ों की रौनक बढ़ा देते हैं। गंगटोक से पीलिंग और दार्जिलिंग भी जाते हैं।
जिन लोगों को बस या कार में जी मिचलाने की दिक्कत हो, वह दवा लेकर जा सकते हैं।
गंगटोक में शॉपिंग कहां पर करें
एमजी मार्ग यानी महात्मा गांधी मार्ग यहां का सबसे खूबसूरत बाजार है। जहां एक तरफ यह आधुनिकता का उदाहरण है, तो वहीं साफ-सफाई के मामले में भारत के दूसरे शहरों से अलग है। आर्थिक आत्मनिर्भर होने के कारण भिखारी नहीं दिखेंगे। हां, कहीं पर पेरिस आदि शहरों की तरह किनारे बैठकर वायलिन के साथ गाना गाते हुए एक दो लोग मिल सकते हैं।
हिंदी पट्टी के लोग कल्पना नहीं कर पाएंगे कि इतनी साफ-सुथरी जगह और नैतिक लोग हमारे देश में भी हैं।प्रशासन की तैनाती और सेवाएं भी काबिले तारीफ है।
अधिकांश दुकानों में महिलाएं काम करती हैं।
यहां के लोगों की नैतिकता और पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी हर जगह पर सुरक्षित माहौल तैयार करती है।
खरीदारी की बात करें तो सभी वस्तुएं महंगी और गुणवत्तायुक्त मिलेंगी। इसे स्वर्ग कहा जाये, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
शाम के वक्त महात्मागांधी मार्ग बाजार में बजता हुआ संगीत और युवाओं के लिये निर्भीक वातावरण यहां रोके रखता है।
इस बाजार में वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित है। शहर में अनावश्यक हाॅर्न बजाना प्रतिबंधित है। साथ ही ओवरटेक करने पर जुर्माना देना पड़ता है। यदि सड़क की एक लाईन पर जाम लगा हो तो दूसरी लाईन बाधित नहीं होती क्योंकि लोग दूसरी लाईन खाली रहते हुए वाहन नहीं ले जाते। वे इंतजार करते हैं। सड़क पर ट्रैक्टर, साइकिल और तीन पहिया वाहन नहीं मिलेंगे। शहर में प्लास्टिक प्रतिबंधित है जिसका पालन दुकानदार और उपभोक्ता दोनों करते हैं। एक भी प्लास्टिक या एक खुली नाली आपको नहीं मिलेगी,साथ ही इस बाजार के निचले हिस्से में लगा लालबाजार भी घूमा जा सकता है।
यहां पर सरकार ने लोगों के रहने और जीने के लिए पुख्ता इंतजाम किया है। हर घर से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ,बिजली और पानी की दर भी निगम द्वारा बहुत कम वसूली जाती है।
घर के अन्य सदस्य कोई शॉप में काम करते हैं या गाड़ी चलाते हैं। पर्यटन ही यहां का मुख्य व्यवसाय है।
यहां पर हर एक रूल और रेगुलेशन को फॉलो करना पड़ता है। यातायात नियमों का पालन लोग ईमानदारी से स्वत: ही करते हैं।
पार्किंग की बहुत दिक्कत है जिसके चलते यातायात पुलिस चालान काटने में देर नहीं करती।
शराब के शौकीनों के लिये शराब बहुत ही सस्ती है, पर आपको शराबी सड़क पर हो हल्ला करते या गिरे हुए नहीं दिखेंगे। लाटरी के टिकेट, स्पा, बार और रेस्टोरेंट की भरमार है।
यह क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, सांप्रदायिकता कहीं नजर नहीं आती। जहां उत्तर भारत में महिलाओं के कपड़े महिला अपराधों के लिये जिम्मेदार माने जाते हैं तो यहां पर आधे वदन से अधिक महिलाओं का शरीर खुला होते हुए छेड़खानी और जघन्य अपराध न के बराबर हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि यहां के लोग सभ्य हैं।
दुकानों को स्थानीय महिलाएं संचालित करती हैं।यहां तक की मेडिकल और शराब की दुकान भी महिलाएं चलाती हैं।
किराना और सब्जी के अधिकांश दुकानदार उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल के हैं।
गंगटोक में खानपान, लोकल टैक्सी का किराया
आपको खाने के लिए अधिकांश चाइनीज फूड मिलेंगे। मोमोज, चौमिन, बर्गर, पिज़्ज़ा और बंगाली खाने के साथ मैदा के पराठे भी मिलेंगे। लोकल जगह पर घूमने के लिए आपको स्थानीय कैब बुक करनी पड़ेगी जिसका एक दिन का किराया 2000/- से 3000/- रुपए तक होता है। शादी-शुदा जोड़ों के लिए यह जगह एकदम शांत और सुरक्षित है।
हरियाली के मामले में यह जगह प्रकृति का आंगन है। वहीं गार्डेनिंग के मामले में यहां के लोग बहुत ही शौकीन हैं ।वही गंगटोक नगर निगम पूरी कोशिश करता है कि इसे और अच्छा बनाया जा सके।
लोगों का व्यवहार बहुत ही प्यारा और हंसमुख स्वभाव है, जो आपके साथ तुरंत जुड़ जाते हैं। यहां की महिलाएं और पुरुष आपके साथ बड़ी ही शांति से पेश आते हैैं। आपको कभी एहसास नहीं होगा कि आप अनजान हैं ।
आपको ऐसा लगेगा कि जैसे यह आपके जान पहचान के लोग हैं।
गंगटोक के निवासियों के घर
लोग पहाड़ों की ऊँचाइयों पर रहते हैं। घर बनाना बहुत ही कठिन है इसलिए घरों का किराया भी बहुत ज्यादा है।
लेखक :- राकेश कुशवाहा, अलामपुर (6204 753 512) ⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।