मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के आइसीआइसीआइ बैंक में गोल्ड लोन घोटाले का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद ब्रांच मैनेजर सहित बैंक के चार अधिकारी कर्मचारी, तीन स्वर्णकार और 10 नकली ग्राहकों सहित कुल 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ICICI BANK KOLAR के ऑडिट में गोल्ड लोन घोटाले का खुलासा हुआ
डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबक आईसीआईसीआई बैंक की रीजनल हेड कंचन राजदेव और एरिया मैनेजर भानु उमरे ने इस मामले की शिकायत कोलार थाना पुलिस से की थी। शिकायत में बताया गया कि बैंक की कोलार रोड स्थित शाखा का आकस्मिक निरीक्षण और आडिट में पता चला कि बैंक के अधिकारी और कर्मचारी तथा स्वर्ण का मूल्यांकन करने वाले अधिकृत एवरेजर (स्वर्णकार) की मिलीभगत से बैंक में नकली सोना गिरवी रखा और करीब 4 करोड़ 32 लाख रुपये की चपत बैंक को लगाई है। इस मामले में 10 नागरिकों के नाम ग्राहक के रूप में दर्ज किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच के बाद सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से की गई शिकायत में बताया गया है कि बैंक के सेल्स मैनेजर सौरभ खरे और रिलेशनशिप मैनेजर पवन सेन ग्राहक लाते थे और बैंक के अधिकृत सुनार (एवरेजर) रामकृष्ण, राकेश सोनी और जगदीश कुमार सोनी से नकली और कम कैरेट वाले गोल्ड लोन को असली और ज्यादा कैरेट का सर्टिफाइड कर देते थे। बैंक मैनेजर अमित पीटर और डिप्टी मैनेजर दीक्षा मीणा द्वारा सभी लोन स्वीकृत किए गए। फिलहाल पुलिस ने बैंक के अधिकृत स्वर्णकार राकेश सोनी, और जगदीश सोनी और नकली सोना रखकर लोन लेने वाले शोभित कुमार जैन एवं अरुण शर्मा को हिरासत में ले लिया है, जबकि अन्य आरोपी फिलहाल फरार हैं।
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