मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार इलाके में स्थित जेके हॉस्पिटल में इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले एक युवक ने जेके हॉस्पिटल की प्रतिष्ठा का उपयोग किया और अस्पताल के कर्मचारी एवं कोलार के अन्य लोगों से इन्वेस्टमेंट के नाम पर 5 करोड रुपए की ठगी कर डाली। कोलार पुलिस और क्राइम ब्रांच के अनुसार पीड़ित लोगों की संख्या 130 हो गई है।
अस्पताल के कारण लोगों से व्यवहार बन गया, फिर जाल फैलाया
असिस्टेंट कमिश्नर आफ पुलिस श्री मुख्तियार कुरैशी ने बताया कि संतोष दास नाम का एक युवक जेके हॉस्पिटल में इलेक्ट्रिक उपकरण रिपेयरिंग करने का काम करता था। जेके हॉस्पिटल क्षेत्र का प्रतिष्ठित अस्पताल है। इसके कारण लोग उसे भी महत्व देने लगे थे। सबसे पहले उसने जेके हॉस्पिटल के कर्मचारियों के साथ बातचीत शुरू की और ऐसे कर्मचारियों को प्रभावित करना शुरू किया जो शारीरिक और मानसिक श्रम किए बिना फटाफट पैसा कमाना चाहते थे। संतोष दास ने बताया कि, वह एक ऐसी कंपनी के लिए भी काम करता है, जो मात्र 6 महीने में आपका इन्वेस्टमेंट डबल कर देती है।
अचानक संतोष दास का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया
शुरुआत में कुछ लोगों ने थोड़ा बहुत इन्वेस्टमेंट दिया। संतोष दास ने सब का पैसा 6 महीने में डबल करवा दिया। अब लोग आकर्षित हो गए। जेके हॉस्पिटल के कारण लोग संतोष दास पर विश्वास करने लगे थे। कई लोगों ने अपनी बैंक एफडी तुड़वाकर और कुछ लोगों ने बैंक से लोन लेकर संतोष दास की बताई स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर दिया। इसके बाद संतोष दास भोपाल से महाराष्ट्र के औरंगाबाद शिफ्ट हो गया, लेकिन भोपाल अप डाउन करता रहा। लोगों से कहा कि उसका प्रमोशन हो गया है। लोग और ज्यादा प्रभावित हो गए। इसके बाद अचानक संतोष दास का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया।
लोग जब तक समझ पाते तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। कोलार पुलिस और क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 130 लोगों ने संतोष दास की शिकायत की है। पुलिस ने औरंगाबाद महाराष्ट्र में उसकी तलाश करने की कोशिश की परंतु वह औरंगाबाद में नहीं मिला। उसकी लोकेशन बदल रही है।
JK HOSPITAL को KYC करनी चाहिए थी
इस अपराध में जेके हॉस्पिटल शामिल तो नहीं है लेकिन अपराधी ने उसकी प्रतिष्ठा का दुरुपयोग किया है। लोगों ने संतोष दास पर इसलिए भरोसा किया क्योंकि वह जेके हॉस्पिटल में इलेक्ट्रीशियन था। लोगों का मानना था कि, जेके हॉस्पिटल वालों के पास उसका पूरा रिकॉर्ड होगा। वह भाग कर नहीं जा सकता। जबकि प्राइमरी पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि जेके हॉस्पिटल मैनेजमेंट द्वारा इस तरह के अस्थाई सेवा प्रदाताओं की KYC नहीं की जाती है।
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